डायबिटीज और एसिडिटी समेत 84 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल, क्या आपकी दवा सुरक्षित है? देखिए पूरी लिस्ट

Drug Batches Fail Quality Test: देश में नकली दवाएं बाजार में धड़ल्ले से बिक रही हैं। इस पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कुछ दवाओं की लिस्ट जारी की है। ये दवाएं डायबिटीज जैसे मरीजों की दी जाती है। CDSCO ने 84 नकली दवाओं की लिस्ट जारी की है। ये दवाएं CDSCO की क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं हैं

अपडेटेड Feb 23, 2025 पर 8:55 AM
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Drug Batches Fail Quality Test: CDSCO की लिस्ट में एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज आदि की दवाएं शामिल हैं।

भारत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने हाल ही में अपनी मासिक दवा अलर्ट लिस्ट में 84 दवाओं को “मानक गुणवत्ता से बाहर” (NSQ) घोषित किया है। इसमें सामान्य रूप से तय स्टेरॉयड, एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज आदि की दवाएं शामिल हैं। ये दवाएं एजेंसी की क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं है। इस बारे में दवाओं की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली संस्था CDSCO ने अलर्ट जारी कर दिया है। बता दें कि CDSCO हर महीने बाजार में बेची जा रही गैर-मानक गुणवत्ता वाली दवाओं के बारे में अलर्ट जारी करता है।

दिसंबर 2024 के लिए अपने नए आंकड़ों के अनुसार एंजेसी को पता चला कि कई कंपनियों की ओर से बनाई गई 84 दवाएं बैचों की गुणवत्ता मानक के तहत नहीं थीं। इसमें एसिडिटी, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसी आम बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। यह सभी दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं हैं।

मानक पर खरे नहीं उतरे नमूने


दरअसल, दवाओं के नमूने निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इन्हें NSQ (गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं) करार दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह क्वालिटी टेस्ट सिर्फ जांचे गए बैच तक सीमित है। पूरे उत्पाद की नहीं है। NSQ और नकली दवाओं को बाजार से हटाने के लिए राज्य नियामकों के साथ नियमित रूप से काम किया जा रहा है। एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि NSQ और नकली दवाओं की पहचान करने की यह कार्रवाई राज्य नियामकों के साथ मिलकर नियमित रूप से की जाती है। ताकि इन दवाओं की पहचान कर उन्हें बाजार से हटाया जा सके।

CDSCO ने दिया टारगेट

हाल ही में, CDSCO ने निरीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को एक महीने में कम से कम 10 नमूने एकत्र करने चाहिए। नौ नमूने दवाओं के और एक नमूना कॉस्मेटिक/मेडिकल डिवाइस का होना चाहिए। क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई दवाईयों से आम लोगों की टेंशन बढ़ सकती है। लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि जो वह दवाई ले रहे हैं। कहीं वह नकली तो नहीं है। हालांकि CDSCO इसी चिंताओं को दूर करने के लिए काम कर रहा है।

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First Published: Feb 23, 2025 8:47 AM

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