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Diabetes का दुश्मन है गिलोय, ब्लड शुगर लाइफ टाइम रहेगा कंट्रोल, ऐसे करें सेवन

Giloy for Diabetes: गिलोय डायबटिजी के मरीजों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। इससे ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रहता है। कोरोना काल में गिलोय की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ था। इसके सेवन से इम्यूनिटी में मजबूती आती है। यह दिल और सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए भी अच्छा माना गया है। इसमें ग्लोकोसाइड, टीनोस्फोरिन, पामेरिन जैसे कई एसिड पाए जाते हैं

Jitendra Singhअपडेटेड Jul 29, 2024 पर 7:25 AM
Diabetes का दुश्मन है गिलोय, ब्लड शुगर लाइफ टाइम रहेगा कंट्रोल, ऐसे करें सेवन
Giloy for Diabetes: गिलोय के पौधे की पत्तियों से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।

ब्लड शुगर लाइफस्टाइल से पनपने वाली एक ऐसी बीमारी है जो तमाम उम्र जिंदगी के साथ रहती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। वरना इसकी वजह से कई और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शुगर कंट्रोल करने के लिए ना सिर्फ दवाइयां जरूरी हैं। बल्कि डाइट पर कंट्रोल करना भी जरूरी है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह किसी दवा से कम नहीं हैं। कोरोना काल में गिलोय की डिमांड में तेजी आई थी। इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। गिलोय की पत्तियों का रस और इसकी चाय सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी गई है।

WHO के अनुमान के अनुसार, डायबिटीज से हर साल दुनियाभर में 16 लाख लोगों की मौत होती है। संगठन ने यह भी दावा किया है कि साल 2030 तक डायबिटीज विश्वभर में सबसे बड़ी मौतों की सांतवी सबसे बड़ी वजह होगी। एक संतुलित आहार और जीवनशैली अपनाकर ब्लड शुगर लेवल को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

गिलोय के सेवन से डायबिटीज जड़ से होगी खत्म

आयुर्वेद में गिलोय को 'मधुनाशिनी' के नाम से जाना जाता है। जिसका अर्थ है 'चीनी को नष्ट करने वाली'। इसलिए जब शुगर के मरीज इस चाय को पीते हैं तो यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। ये फास्टिंग और नॉन-फास्टिंग, दोनों ही शुगर को कम करने में मददगार है। आयुर्वेद के मुताबिक, न्यूरोपैथी की समस्या बहुत तेजी से बढ़ने लगती है। इसमें सेल्स और टिशूज खराब होने लगते हैं। इसका आपकी स्किन पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गिलोय इस स्थिति से बचाने में मददगार है और डायबिटीज न्यूरोपैथी से खतरे को कम करता है और नसों को शुगर की वजह से खराब होने से बचाता है।

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