आज की तेज रफ्तार जिंदगी में भागदौड़, तनाव, जंक फूड और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने डायबिटीज को एक आम लेकिन गंभीर समस्या बना दिया है। ये बीमारी धीरे-धीरे शरीर के भीतर पनपती है और आंखों, किडनी, दिल, नर्व सिस्टम और खासतौर पर हाथ-पैर जैसे अहम अंगों को नुकसान पहुंचाती है। चौंकाने वाली बात ये है कि डायबिटीज के शुरुआती लक्षण अक्सर हमारे हाथों में दिखाई देने लगते हैं, लेकिन लोग इन्हें मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं। त्वचा का रंग बदलना, उंगलियों में जकड़न या छाले बनना—ये सब संकेत हो सकते हैं कि शरीर में ब्लड शुगर का स्तर असामान्य हो रहा है।
अगर समय रहते इन संकेतों को पहचान लिया जाए, तो डायबिटीज के असर को काफी हद तक रोका जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने हाथों में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों को गंभीरता से लें और समय पर जांच करवाएं।
अगर आपकी उंगलियों के आसपास की स्किन मोटी और सख्त हो रही है, और उन्हें मोड़ना मुश्किल हो रहा है, तो ये डायबिटिक स्किन कंडीशन का लक्षण हो सकता है। ये परेशानी अक्सर हथेली के पीछे की तरफ दिखती है और समय के साथ उंगलियां जाम हो सकती हैं।
डायबिटीज के मरीजों के हाथों पर बिना वजह बड़े-बड़े छाले हो सकते हैं। हैरानी की बात ये है कि ये छाले दर्द नहीं करते, लेकिन ये शरीर में बिगड़ती ब्लड शुगर का सीधा संकेत हो सकते हैं। इन्हें हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
अगर हाथों पर बार-बार जलन, सूजन, खुजली या दाने हो रहे हैं, तो इसे साधारण एलर्जी न समझें। ये डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, जिनमें स्किन इरिटेशन और इंफेक्शन आम है।
डायबिटिक न्यूरोपैथी का सबसे पहला असर हाथ-पैरों की मांसपेशियों पर दिखता है। आपको बार-बार ऐंठन, सुन्नता या झुनझुनी हो सकती है। यह संकेत है कि नर्व्स पर असर हो रहा है और तुरंत जांच की जरूरत है।
लगातार पैरों में दर्द, सूजन या जलन होना भी डायबिटीज की चेतावनी है। शरीर की नसें जब ब्लड शुगर से प्रभावित होती हैं, तो ऐसी समस्याएं उभरने लगती हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।