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Holi 2025: होली की मस्ती में रहें सावधान, रंग-गुलाल के हैं बड़े जोखिम, अस्थमा और डायबिटीज के मरीज रहें दूर

Holi 2025: होली के त्योहार में रंगों और गुलाल का जमकर इस्तेमाल होता है। रंगों के इस त्योहार में लोग काफी जोश और उत्साह में डूब जाते हैं। लेकिन उत्साह के चक्कर में कई बार नुकसान भी हो सकता है। कुछ रंग ऐसे ही भी हैं जो न सिर्फ आपकी सेहत बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Mar 13, 2025 पर 3:27 PM
Holi 2025: होली की मस्ती में रहें सावधान, रंग-गुलाल के हैं बड़े जोखिम, अस्थमा और डायबिटीज के मरीज रहें दूर
Holi 2025: केमिकल युक्त रंगों से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

रंगों के त्योहार होली का इंतजार हर किसी को रहता है। बच्चे हो या बूढ़ें हर कोई इस उत्साह में डूबना चाहते हैं। लेकिन की मस्ती कभी-कभी सेहत पर भारी पड़ सकती है। आजकल जिस तरह के रंग बाजार में बिक रहे हैं। वो सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। लिहाजा बेहद संभलकर होली खेलना चाहिए। होली कई रंगों से खेली जाती है। लिहाजा सुरक्षा का खास तौर से ध्यान देने की जरूरत रहती है। होली के रंग स्किन को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं साथ ही ये पर्यावरण में मौजूद बाकी जीव जंतुओं के लिए भी नुकसानदायक होते हैं।

काले रंग को बनाने में अधिकतर लेड ऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है जो आपके गुर्दे पर असर डालता है। हरे गुलाल में खासकर कॉपर सल्फेट मिलाया जाता है जिससे आपकी आंखों में एलर्जी, जलन और सूजन की समस्या हो सकती है। चमकीले रंग के गुलाल में एल्युमिनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता है जो आपके शरीर में कैंसर को उत्पन्न कर सकता है।

केमिकल युक्त रंगों से रहें सावधान

बाजार में कई तरह के केमिकल युक्त रंग मिलते हैं। जिन्हें अक्सर लोग नेचुरल रंग बोलकर बेच देते हैं। लोग नेचुरल समझकर इन्हें खरीद लेते हैं। लेकिन बाद में उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ जाता है। होली के रंगों को बनाने में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके वजह से आपको स्किन पर एलर्जी, ड्राईनेस और खुजली की समस्या हो सकती है। होली खेलते वक्त अधिकतर लोग बेपरवाह हो जाते हैं और मौज मस्ती में कई बार रंग उनके आंख, नाक और मुंह में भी चला जाता है। आंखों में ये रंग चला जाए तो आपको इंफेक्शन, इचिंग की समस्या हो सकती है।

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