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Diabetes: रात में स्क्रीन की लत से बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

Diabetes: सिर्फ फोन और टैबलेट की नीली रोशनी ही नहीं, बल्कि रात को जलने वाली लैंप की पीली रोशनी भी नुकसान पहुंचा सकती है। ये रोशनी हमारी नींद को खराब करती है और इससे शरीर का कामकाज बिगड़ता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 03, 2025 पर 7:30 AM
Diabetes: रात में स्क्रीन की लत से बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा
Diabetes: रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें।

 हमारी लाइफस्टाइल जितनी आधुनिक होती जा रही है, उतनी ही तेजी से हमारी सेहत पर इसका असर भी दिखने लगा है। खासकर रात के समय मोबाइल, टीवी, लैपटॉप या लैंप जैसी आर्टिफिशियल लाइट्स का इस्तेमाल अब आम बात हो गई है। बहुत से लोग सोने से पहले देर रात तक स्क्रीन देखते रहते हैं या कमरे की लाइट जलाकर सोते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आदत आपकी नींद ही नहीं, बल्कि आपकी ब्लड शुगर लेवल को भी प्रभावित कर सकती है? एक हालिया स्टडी ने ये चौंकाने वाला दावा किया है कि रात के समय आर्टिफिशियल लाइट के संपर्क में रहना टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है।

खास बात यह है कि ये असर सिर्फ स्मार्टफोन की ब्लू लाइट से ही नहीं, बल्कि साधारण पीली लाइट से भी हो सकता है। आइए जानते हैं इस रिसर्च में और क्या सामने आया।

85,000 लोगों पर हुई स्टडी

ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी में की गई इस स्टडी में 40 से 69 साल की उम्र के करीब 85,000 लोगों को शामिल किया गया। नौ साल तक चली इस रिसर्च में खास डिवाइस की मदद से ये ट्रैक किया गया कि कौन लोग रात में कितनी लाइट के संपर्क में रहते हैं। चौंकाने वाली बात ये रही कि जो लोग रात में सबसे ज्यादा लाइट के संपर्क में आए, उनमें डायबिटीज का खतरा 67% तक ज्यादा देखा गया।

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