Diabetes: डायबिटीज के मरीज भूलकर भी न करें ये गलती, बढ़ सकता है जोड़ दर्द!
डायबिटीज के मरीजों में जोड़ों का दर्द होना एक सामान्य समस्या मानी जाती है, जिससे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर परेशानी होती है। हालांकि, कुछ आसान उपायों को अपनाकर न सिर्फ ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि जोड़ों में होने वाले दर्द से भी काफी हद तक राहत पाई जा सकती है
Diabetes: डायबिटीज में जब इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता तो शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में डायबिटीज एक आम समस्या बन गई है। हर घर में कोई न कोई इस बीमारी से जूझ रहा है। लेकिन अक्सर लोग इसे सिर्फ ब्लड शुगर की बीमारी समझते हैं, जबकि हकीकत इससे कहीं ज्यादा गंभीर है। डायबिटीज शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकती है, और जोड़ों का दर्द भी इसका एक कम चर्चित लेकिन महत्वपूर्ण संकेत है। कई डायबिटिक मरीज शिकायत करते हैं कि उनके घुटनों में जकड़न, कंधों में दर्द या पीठ में खिंचाव बना रहता है। क्या ये महज उम्र का असर है या डायबिटीज़ से जुड़ी कोई गहराई?
दरअसल, लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड शुगर शरीर की नसों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे जोड़ों की सेहत बिगड़ने लगती है। आइए जानें कि डायबिटीज और जोड़ दर्द के बीच क्या है असली रिश्ता।
ब्लड शुगर बढ़ने से क्यों होते हैं जोड़ सख्त?
डायबिटीज सिर्फ शुगर की बीमारी नहीं है, बल्कि ये शरीर के पूरे सिस्टम को प्रभावित करती है। लगातार हाई ब्लड शुगर शरीर की नसों, मांसपेशियों और जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। समय के साथ जोड़ सख्त हो जाते हैं, लुब्रिकेशन कम हो जाता है और मूवमेंट में दिक्कत आने लगती है।
मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी बनती है दर्द की वजह
डायबिटीज में जब इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता तो शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इससे मांसपेशियों और जोड़ के आसपास के ऊतक कमजोर होने लगते हैं। नतीजा—जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द।
डायबिटीज में कौन-कौन से दर्द ज्यादा आम हैं?
फ्रोजन शोल्डर: कंधे को हिलाने में दिक्कत और तेज दर्द
न्यूरोपैथी: नसों में झनझनाहट या जलन, खासकर पैरों में
उंगलियों की अकड़न: फिंगर मोड़ने में तकलीफ, जिसे ट्रिगर फिंगर कहा जाता है
चार्कोट फूट: पैरों की नसें और जोड़ खराब होकर शेप बदल लेते हैं
सूजन और दर्द बढ़ाने वाले कारण
ब्लड सर्कुलेशन कम होना
ऑक्सीजन व पोषक तत्वों की कमी
शरीर में सूजन बढ़ाने वाले केमिकल्स का एक्टिव होना
कमजोर इम्यून सिस्टम, जिससे छोटी चोटें भी जल्दी ठीक नहीं होतीं
राहत के लिए कौन-से उपाय करें?
ब्लड शुगर नियंत्रण में रखें: डायबिटीज कंट्रोल रहेगा तो लक्षण भी कम होंगे
हल्की एक्सरसाइज करें: जैसे सुबह की सैर, हल्का योग, स्ट्रेचिंग
गर्म पानी से सेंक: जोड़ों की सूजन कम होती है
डॉक्टर की सलाह लें: लगातार दर्द हो तो दवाइयों या मलहम का सहारा लें
खानपान पर दें खास ध्यान
फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां खाएं
मीठा और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें
वजन कंट्रोल में रखें, मोटापा जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है
कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है?
अगर दर्द लगातार बना हुआ है, चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है, या रात की नींद टूट रही है—तो डॉक्टर से सलाह लें। ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव, बड़ी राहत
डायबिटीज़ होने का मतलब यह नहीं कि जोड़ों का दर्द आपकी दिनचर्या को रोक दे। थोड़ी सी जागरूकता, सही एक्सरसाइज और संतुलित खानपान से आप फिर से एक्टिव जिंदगी जी सकते हैं। याद रखें, वक्त रहते कदम उठाया जाए तो राहत पाना आसान हो जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।