करौंदा — एक छोटा सा फल जो स्वाद में खट्टा-मीठा जरूर है, लेकिन सेहत के लिहाज से किसी औषधि से कम नहीं। आमतौर पर इसे सब्जी, अचार या चटनी में इस्तेमाल किया जाता है, पर बहुत कम लोग जानते हैं कि करौंदा कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है। कच्चे रूप में हरा और पकने पर गुलाबी-सफेद रंग में बदलने वाला यह फल राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है और यह खासतौर पर बरसात के मौसम में उगता है। आयुर्वेद के अनुसार, इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं।
यही वजह है कि यह न केवल मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है, बल्कि पेट संबंधी समस्याएं, बुखार, फ्लू जैसी तकलीफों में भी राहत देता है। आइए विस्तार से जानें करौंदा से मिलने वाले बेहतरीन स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
बारिश के मौसम में उगने वाला करौंदा एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। ResearchGate में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में करौंदा के नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। ये फल शरीर में इंसुलिन की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
बरसाती बीमारियों में करता है सुरक्षा
बरसात के मौसम में सर्दी-जुकाम, वायरल बुखार और मलेरिया जैसे संक्रमण आम हो जाते हैं। ऐसे में करौंदा आपकी ढाल बन सकता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाते हैं। खासकर, करौंदा के पत्तों से बना काढ़ा बुखार में बेहद असरदार साबित होता है।
पेट को बनाए हल्का और पाचन को रखे दुरुस्त
अगर आपको बार-बार पेट की समस्याएं परेशान करती हैं — जैसे कब्ज, गैस या अपच — तो करौंदा आपके लिए कारगर इलाज हो सकता है। इसकी सब्जी खाना कब्ज में राहत देता है, वहीं करौंदा पाउडर को पानी के साथ लेने से बदहजमी और अपच से छुटकारा मिलता है। ये पेट को ठंडक पहुंचाकर आंतों की सफाई करता है।
अगर आप अब तक करौंदा को सिर्फ अचार और चटनी तक सीमित रखते थे, तो अब इसे अपनी डाइट में सुपरफूड की तरह शामिल कीजिए। खासकर बरसात के दिनों में ये फल आपकी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।