मानसून के आते ही बाजार और खेत हरे-भरे साग से सज जाते हैं। इस मौसम में पालक, मेथी, चौलाई जैसे पत्तेदार साग खूब खाए जाते हैं और इन्हें स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी माना जाता है। हालांकि, हर किसी के लिए ये साग फायदेमंद हों, ऐसा ज़रूरी नहीं। खासकर डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को मानसून में हरे साग का सेवन करने से पहले सतर्क रहना चाहिए। इन सागों में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो विशेष परिस्थितियों में इन बीमारियों को बढ़ा सकते हैं या इलाज में रुकावट बन सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि इस मौसम में साग खाने से पहले ये जान लिया जाए कि कौन-से साग सेहतमंद हैं और कौन-से हानिकारक साबित हो सकते हैं।
ये लेख खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और मानसून में अपनी डाइट को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं।
पालक आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, लेकिन इसमें ऑक्जलेट्स की मात्रा अधिक होती है। ये तत्व किडनी स्टोन की समस्या को बढ़ा सकते हैं और हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। साथ ही, पालक में मौजूद सोडियम भी बीपी को बढ़ाने में भूमिका निभा सकता है। इसलिए हाई बीपी के मरीज पालक का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें, और एक बार में सीमित मात्रा लें।
चौलाई साग विटामिन A, C और आयरन से भरपूर होती है, लेकिन बरसात के मौसम में ये जल्दी संक्रमित या सड़ी हुई हो सकती है। यदि इसे ठीक से न धोया जाए तो इससे फूड पॉइज़निंग और पेट संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो डायबिटीज और बीपी मरीजों के लिए गंभीर हो सकता है।
मेथी डायबिटीज के मरीजों के लिए आमतौर पर फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि ये ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर ये अचानक शुगर लेवल को बहुत नीचे गिरा सकती है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। ये स्थिति चक्कर, पसीना आना और बेहोशी जैसी परेशानियां ला सकती है। इसलिए इसे संतुलित मात्रा में ही लें।
साग खाने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें
हमेशा ताजा और साफ साग ही खाएं – बाजार से लाए गए साग को कई बार अच्छे से धोएं।
घर में उगाया गया साग या पैक्ड ग्रीन लीफी वेजिटेबल्स ज्यादा सुरक्षित विकल्प हैं।
एक बार में ज्यादा मात्रा में न खाएं – पोर्शन कंट्रोल डायबिटीज के लिए बेहद जरूरी है।
कम तेल, नमक और मसाले का इस्तेमाल करें – हाई बीपी मरीजों के लिए यह बेहद ज़रूरी है।
अगर आपकी शुगर या बीपी बार-बार अस्थिर रहती है, तो हर बदलाव डॉक्टर की सलाह से ही करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।