भागदौड़ और तनाव से भरी इस जिंदगी में मानसिक सुकून की तलाश में लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं। इनमें से एक आम तरीका है शराब या बीयर का सेवन। खासकर युवा वर्ग में बीयर और शराब को मिलाकर कॉकटेल के रूप में पीने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ये आदत शुरू में तो राहत देने वाली लगती है, लेकिन इसका असर धीरे-धीरे शरीर और दिमाग पर दिखने लगता है। दरअसल, बीयर और शराब में अलग-अलग प्रकार का अल्कोहल मौजूद होता है, और जब इन्हें मिलाकर सेवन किया जाता है, तो ये मिलकर शरीर पर दोहरा वार करते हैं।
इसका सीधा असर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर पर पड़ता है, जिससे सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। धीरे-धीरे ये आदत मानसिक विकार, याद्दाश्त की कमी, निर्णय लेने में गड़बड़ी और यहां तक कि डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है।
न्यूरोट्रांसमीटर पर सीधा असर
शोध और रिपोर्ट्स के अनुसार, जब शराब और बीयर को मिलाकर पिया जाता है, तो इसका सीधा असर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर पर होता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर हमारी सोचने-समझने की क्षमता, याद्दाश्त और फैसले लेने की शक्ति को नियंत्रित करते हैं। इस कॉम्बिनेशन के कारण इनका संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक संतुलन भी डगमगाने लगता है।
सोचने और निर्णय लेने की शक्ति होती है कमजोर
शराब और बीयर एकसाथ पीने से सोचने की क्षमता धीमी हो जाती है और व्यक्ति जल्दबाजी में या गलत निर्णय लेने लगता है। बार-बार ऐसा करने से व्यक्ति की मानसिक प्रतिक्रियाएं भी प्रभावित होती हैं, जिससे उसका आत्मविश्वास और तर्कशक्ति कमजोर हो जाती है।
मेंटल हेल्थ पर गहराता है संकट
लगातार इस तरह का कॉकटेल पीने से मानसिक स्वास्थ्य भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे मस्तिष्क के केमिकल्स का संतुलन बिगड़ने लगता है, जो हमारे मूड और भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। इससे व्यक्ति डिप्रेशन, एंग्जाइटी और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याओं से घिर सकता है।
अल्कोहल पॉइजनिंग का खतरा कई गुना ज्यादा
बीयर और शराब का मिश्रण शरीर में अल्कोहल की मात्रा अचानक बढ़ा देता है, जिससे अल्कोहल पॉइजनिंग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ये स्थिति शरीर के लिए बेहद घातक हो सकती है और यदि समय पर इलाज न मिले तो जानलेवा भी बन सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।