पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कैंसर की समस्या दिन पर दिन गंभीर रूप लेती जा रही है। एक ताजा क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन ने इस क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। 2015 से 2019 तक के 43 जनसंख्या-आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों (PBCRs) के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए विशेषज्ञों ने पाया कि यहां कैंसर के मामले न सिर्फ तेजी से बढ़े, बल्कि मौत का अनुपात भी बाकी देश से अधिक रहा है।