डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में कई लोगों प्रभावित करता है। भारत में भी पिछले कुछ समय से इस बीमारी से मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसकी वजह से अब हमारा देश पूरा दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बन गया है। यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं हैं। वहीं दुनिया भर में मोटापे की समस्या भी बढ़ रही है। इस बीच स्टडी में टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे को लेकर एक अहम खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि डायबिटीज और मोटापे में ब्रेन अहम भूमिका निभाता है।
स्टडी में कहा गया है कि मोटापा बढ़ने में इंसुलिन हार्मोन की बड़ी भूमिका होती है। रिसर्च में संकेत मिले हैं कि इंसुलिन ब्रेन में न्यूरोडीजेनेरेटिव और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का कारण बन सकता है।
जर्मनी के वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा
जर्मनी के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ टूबिंगन, जर्मन सेंटर फॉर डायबिटीज रिसर्च (डीजेडडी) और हेल्महोल्ट्स म्यूनिख के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की है। इसमें कई नई बातों के बारे में पता चला है। रिसर्च करने वाली टीम का कहना है कि अनहेल्दी डाइट और लगातार वजन बढ़ना ये सब ब्रेन की इंसुलिन के सेंसटिव से जुड़ा हुआ है। इसमें इंसुलिन ब्रेन में भूख को कम करने का काम करता है। वहीं अगर कई मोटापे से पीड़ित है तो इस मामले में यह ठीक से काम नहीं करता है। प्रोफेसर डॉ. स्टेफनी कुलमैन और उनकी टीम का कहना है कि बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड, अनहेल्दी फूड्स का कम समय के लिए सेवन करने से भी ब्रेन में बदलाव आ सकता है। इससे भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है। वहीं हेल्दी व्यक्तियों में भी हाई कैलोरी सेवन के बाद भी ब्रेन में इंसुलिन के प्रति सेंसिटिविटी में कमी देखने को मिली है।
आखिर मोटापे की समस्या क्यों बढ़ रही है?
स्टडी करने वाली टीम का कहना है कि वजन बढ़ने से पहले ब्रेन में इंसुलिन बदाल होता है। जिससे मोटापे और अन्य बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। टीम का कहना है कि ब्रेन की इंसुलिन प्रतिक्रिया मोटापे और अन्य मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देती है। अभी स पर और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।
अगर आपका वजन अचानक बढ़ने लगे तो समझ जाएं कुछ गड़बड़ है। पेट और कमर के पास फैट बढ़ जाने पर एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। पेट के पास अचानक चर्बी बढ़ने से इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से हो सकता है। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
अगर बिना ज्यादा काम किए थकान और कमजोरी महसूस हो रही है तो प्रीडायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनने की वजह से ऐसा हो सकता है। लिहाजा किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डिस्क्लेमर - यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।