रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के बड़े हिस्से से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) हटा लिया गया है और उन्हें उस दिन का इंतजार है जब जम्मू-कश्मीर में भी स्थायी शांति हो और यहां से भी इस कानून को हटाया जा सके। बता दें कि AFSPA सेना को गिरफ्तारी, गोली चलाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में संपत्ति पर कब्जा करने या नष्ट करने का अधिकार देता है। रक्षा मंत्री सोमवार को एक दिन के दौरे पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित किया और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात की समीक्षा की।
सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की सोच बदल दी है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर पूर्व के बड़े हिस्से से अफस्पा हटा लिया गया है। मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति आएगी और यहां से भी अफस्पा हटा लिया जाएगा। सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने लंबे समय तक आतंकवाद का दंश झेला है और यहां के लोग जानते हैं कि आतंकवाद का जहर समाज को कैसे खोखला बनाता है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से आतंकवाद का नेटवर्क संचालित हो रहा था। सिंह ने कहा कि आज इस नेटवर्क को काफी हद तक कमजोर करके इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी है। हमने आतंकवादियों को मार गिराने के साथ आतंकवाद का वित्तपोषण बंद किया है, हथियारों तथा मादक पदार्थों की आपूर्ति रोकी है। भूमिगत आतंकियों के नेटवर्क को तबाह करने का काम जारी है जो यहां काम करते हैं।
अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 के अनेक प्रावधान समाप्त किए जाने का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की आम जनता को लंबे समय तक मुख्य धारा से अलग रखा गया था। वहीं राष्ट्र-विरोधी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई में भी ये प्रावधान रोड़ा बनते थे।
पाकिस्तान का नाम लिए बगैर सिंह ने कहा कि सरकारी नीति की तरह आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे देशों को बहुत अच्छी तरह समझना होगा कि यह खेल लंबे समय तक नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के अधिकतर बड़े देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा हाल में जारी संयुक्त बयान स्पष्ट दर्शाता है कि आज किस तरह भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की सोच बदल दी है।
सिंह ने कहा कि इस संयुक्त बयान में स्पष्ट कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई होनी चाहिए जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन शामिल हैं। सिंह ने जम्मू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब भारत बोलता है तो दुनिया ध्यान से सुनती है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में पाकिस्तान से 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों और पठानकोट हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है। सिंह के ये बयान प्रधानमंत्री मोदी की हाल में समाप्त हुई अमेरिका और मिस्र यात्रा की पृष्ठभूमि में आए हैं जिनमें अनेक ऐतिहासिक समझौते हुए।
पिछले कुछ सालों में दुनिया के विभिन्न देशों में पीएम मोदी की बढ़ती साख का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि एक देश के प्रधानमंत्री ने उन्हें 'बॉस' कहा। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मोदी इतने लोकप्रिय हैं कि लोग उनसे ऑटोग्राफ लेना चाहते हैं।