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स्मार्ट बच्चों के लिए स्मार्ट पढ़ाई में मदद कर रहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षकों के 20% काम करेगा AI

दिल्ली पब्लिक स्कूल बच्चों को स्क्रीन एक्सपोजर बढ़ाए बिना AI से परिचित कराने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए खुद बच्चों को इंटरैक्टिव कंटेंट बनाने के लिए तैयार किया जाता है। केरल के KTCT हायर सेकेंडरी स्कूल ने मेकरलैब्स एडुटेक के साथ मिलकर "आईरिस" नामक एक AI शिक्षक रोबोट तैयार किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 14, 2024 पर 7:54 PM
स्मार्ट बच्चों के लिए स्मार्ट पढ़ाई में मदद कर रहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षकों के 20% काम करेगा AI
कभी स्कूलों में AI का इस्तेमाल एक चर्चा का मुद्दा हुआ करता था लेकिन समय के साथ AI और Emotional Intelligence क्लासरूम का अहम हिस्सा बनता जा है

ऐसी किताबें जो खुद बच्चों को पढ़ाएंगी। क्लासरूम में आ रहे हैं रोबोट्स। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समय में पढ़ने और पढ़ाने का तरीका बदल रहा है और स्मार्ट बच्चों के लिए तैयार हो रहे हैं स्मार्ट क्लासरूम। बाल दिवस पर पढाई के बदलते तरीकों पर खास रिपोर्ट में बताया गया है कि एक ही किताब को हर बच्चा अलग अलग तरीके और स्पीड से पढ़ता है। ऐसे में कितना अच्छा हो अगर खुद किताबें बच्चों के पढ़ने के तरीके को समझ सकें और उसमें सुधार कर सकें। लीड ग्रुप का TECHBOOK, Ambience ऐसी ही एक कोशिश कर रहा है । ये बच्चों को AI और वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से पर्सनलाइज्ड लर्निंग देता है। किताबों में लिखी बातें बच्चों के सामने 3D बनकर उभरती है।

दिल्ली पब्लिक स्कूल बच्चों को स्क्रीन एक्सपोजर बढ़ाए बिना AI से परिचित कराने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए खुद बच्चों को इंटरैक्टिव कंटेंट बनाने के लिए तैयार किया जाता है। DPS ने कई AI वर्कशॉप्सऔर बूटकैंप भी कराए हैं जिससे बच्चों को इसकी बेसिक जानकारी मिल सके।

किड्जी और फुटप्रिंट्स जैसे प्ले स्कूलों ने भी AI पर जोर देना शुरू किया है। बच्चों को छोटे-छोटे एक्सरसाइज से अपनी भावनाओं को समझने और कंट्रोल करने का अभ्यास कराया जाता है। केरल के KTCT हायर सेकेंडरी स्कूल ने मेकरलैब्स एडुटेक के साथ मिलकर "आईरिस" नामक एक AI शिक्षक रोबोट तैयार किया है। यह रोबोट हिंदी,अंग्रेजी और मलयालम भाषाओं को समझ सकता है। यह प्रीस्कूल से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाने में सक्षम है।

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