आज बीजेपी जिस मुकाम पर है, उसमें यह यकीन करना मुश्किल है। लेकिन, यह सच है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार बीजेपी को खत्म करने के बारे में सोचा था। तब वह पार्टी के अध्यक्ष थे। दरअसल, बीजेपी की शुरुआत कांग्रेस के विकल्प के रूप में हुई थी। लेकिन, 1984 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी सिर्फ दो सीटें जीत सकी थी। खुद वाजपेयी को ग्वालियर सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था। वह माधवराव सिंधिया से मुकाबले में हार गए थे। इसके बाद वाजपेयी ने 1985 में 12 सदस्यों वाला एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप बनाया। ग्रुप को पार्टी के कामकाज की समीक्षा करने और कुछ बड़े सवालों का जवाब तलाश करने को कहा गया।