CJI DY Chandrachud: जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Y. Chandrachud) ने भारत के 50वें चीफ जस्टिस (50th Chief Justice of India) के रूप से बुधवार को पद की शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। उन्होंने जस्टिस उदय उमेश ललित की जगह ली है, जिनका कार्यकाल 8 नवंबर को पूरा हुआ। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे।
कौन हैं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़?
जस्टिस चंद्रचूड़ 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए और 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किए गए थे। CJI चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बॉम्बे हाई कोर्ट के जज थे। उसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। देश के नए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ को जून 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा वरिष्ठ वकील नामित किया गया था।
महाराष्ट्र के पुणे से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस चंद्रचूड़ उसी साल देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में BA ऑनर्स करने के बाद उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से LLB किया। फिर उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से LLM और फॉरेंसिक साइंस में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
कई ऐतिहासिक फैसलों के रहे गवाह
जस्टिस चंद्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठों का हिस्सा रहे हैं। इनमें अयोध्या भूमि विवाद, IPC की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की कैटेगरी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं।
पिता भी रह चुके हैं चीफ जस्टिस
जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के पवित्र गलियारों से बेहद अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां उनके पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Justice YV Chandrachud) लगभग 7 साल और 4 महीने तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे थे। शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी CJI का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। वह 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक देश के 16वें चीफ जस्टिस रहे। अब 37 साल बाद उनके बेटे ने देश के 50वें CJI के रूप में देश की बागडोर संभाल लिया है। डी वाई चंद्रचूड़ ने रिव्यू के लिए आई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दो बार अपने पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के फैसलों को ही पलट दिया था।
'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, उनके दादा विष्णु बी चंद्रचूड़ सांवतवाड़ी (मौजूदा समय में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिला में स्थित) के दीवान हुआ करते थे। बॉम्बे में अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रहण करने वाले जस्टिस चंद्रचूड़ हमेशा संगीतमय माहौल से घिरे रहे। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके दिवंगत पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ ट्रेन्ड क्लासिकल म्यूजीशियन थे। जबकि मां ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में गाया करती थीं। वह अपनी मां प्रभा की म्यूजिक टीचर किशोरी अमोन्कर के काफी फैन थे, जो कि हर रोज उनके घर आया करती थीं।
परिवार के सूत्रों ने एक्सप्रेस को बताया कि जस्टिस साहेब ने बचपन में अमोन्कर से ऑटोग्राफ भी मांगा था। जब वह 12 साल के हुए तो राजधानी दिल्ली आ गए। वे लोग तब दिल्ली के तुगलक रोड पर स्थित एक बंगले में रहते थे। उन दिनों वह तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस केके मैथ्यू के बेटे के साथ फुटबॉल और क्रिकेट खेलते थे, जो अब जस्टिस जोसेफ के तौर पर जाने जाते हैं।