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भारत के लिए चीन बना रहा इंपोर्ट का सबसे बड़ा स्रोत, बढ़ा देश का व्यापार घाटा

2023 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा और बढ़ाने में इंपोर्ट में बढ़त और एक्सपोर्ट में आई गिरावट का योगदान रहा है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्त वर्ष में भारत से चीन को होने वाला एक्सपोर्ट 28 फीसदी गिरकर 15.3 अरब डॉलर पर रहा है। जिसके चलते चीन और भारत के बीच का व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022 के 72.9 अरब डॉलर से बढ़कर 77.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 14, 2023 पर 7:35 PM
भारत के लिए चीन बना रहा इंपोर्ट का सबसे बड़ा स्रोत, बढ़ा देश का व्यापार घाटा
आयात के नजरिए से वित्त वर्ष 2023 में UAE दूसरे स्थान पर और अमेरिका तीसरे स्थान पर रहा है। इस अवधि में भारत के आयात में UAE की हिस्सेदारी 7.45 फीसदी और अमेरिका की हिस्सेदारी 7.03 फीसदी रही है

31 मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में चीन भारत के लिए आयात का सबसे बड़ा स्त्रोत बना रहा। इस अवधि में भारत में होने चीन से होने वाला आयात 4.16 फीसदी की बढ़त के साथ 98.51 अरब डॉलर पर रहा। हालांकि इन बाउंड शिपमेंट में इसकी हिस्सेदारी में गिरावट देखने को मिली है। 2023 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा और बढ़ाने में इंपोर्ट में बढ़त और एक्सपोर्ट में आई गिरावट का योगदान रहा है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्त वर्ष में भारत से चीन को होने वाला एक्सपोर्ट 28 फीसदी गिरकर 15.3 अरब डॉलर पर रहा है। जिसके चलते चीन और भारत के बीच का व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022 के 72.9 अरब डॉलर से बढ़कर 77.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

चीन पर भारत की अत्याधिक निर्भरता को लेकर चिंता

बता दें कि हाल के दिनों में कच्चे माल और तमाम दूसरी तरह की जरूरतों के लिए चीन पर भारत की अत्याधिक निर्भरता को लेकर चिंता व्यक्त की जाती रही है जिसको लेकर भारत में डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए तमाम सेक्टरों में पीएलआई स्कीम की शुरुआत की है। बतातें चलें कि भारत के अलावा दुनिया के और भी तमाम देश चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए चाइना प्लस रणनीति का पालन कर रहे हैं। जिसके चलते भारत में तमाम विदेशी निवेश आता दिखा है । इसके बावजूद भारत अभी मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में चीन से बहुत पीछे है।

कोविड महामारी के चलते सप्लाई चेन में आई दिक्कत, अमेरिका और चीन में ट्रेड विवाद और वर्तमान जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते भारत एक आकर्षक इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन गया है। इसके अलावा चीन और भारत के बीच जारी तनाव को लेकर भी चीन के साथ व्यापारिक संबंध कम करने का दबाव है। हालांकि सरकार ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी और अपने सबसे बड़े पड़ोसी चीन के साथ ट्रेड को लेकर यथार्थवादी रवैया अपना रखा है।

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