ढीले वित्तीय हालात और अमेरिका में ब्याज दरों और डॉलर के अनिश्चित भविष्य के चलते भारत के विकास की रफ्तार को खतरा हो सकता है। ये सब भारत के चीफ इकोनॉमिक्स एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में कहा। उन्होंने कैपिटल एक्सपेंडिचर में प्रगति और जीएसटी व्यवस्था के स्थिरीकरण की सराहना करते हुए आगे कहा कि इससे पिछले दशक की तुलना में भारत की जीडीपी वृद्धि क्षमता 7 प्रतिशत तक पहुंच गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब 'जियोपोलिटिकल रिस्क बहुत अधिक हैं', भारत को हाई ग्रोथ रेट को बनाए रखने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इन जोखिमों में ग्लोबल बिजनेस में मंदी और जियोपोलिटिकल अनिश्चितता शामिल हैं।