Retail Inflation: फरवरी महीने में आम लोगों को महंगाई से काफी राहत मिली। आज 12 मार्च को नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (NSO) के इसके आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक फरवरी महीने में खुदरा महंगाई दर यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) 3.61 फीसदी रहा जबकि पिछले साल की फरवरी में यह आंकड़ा 4.21 फीसदी था। एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक फूड इनफ्लेशन मासिक आधार पर 6.02 फीसदी से गिरकर 3.75 फीसदी पर आ गया। वहीं शहरों की तुलना में गांवों में अधिक राहत मिली। गांवों में महंगाई बढ़ने की रफ्तार यानी रूरल इनफ्लेशन जनवरी में 4.64 फीसदी से घटकर 3.79 फीसदी पर आ गई जबकि इस दौरान शहरों में इनफ्लेशन 3.87 फीसदी से नरम होकर 3.32 फीसदी पर आ गया।
सब्जियों के इनफ्लेशन में आई तेज गिरावट
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने सब्जियों के भाव बढ़ने की रफ्तार तेजी से गिरी और दाल का भी इनफ्लेशन निगेटिव हो गया। सब्जियों का इनफ्लेशन 11.35 फीसदी से गिरकर (-) 1.07 फीसदी पर आ गया तो दाल का भी इनफ्लेशन 2.59 फीसदी से नरम होकर (-) 0.35 फीसदी पर आ गया। फ्यूल और लाइट का इनफ्लेशन इस दौरान निगेटिव जोन में बना रहा और (-) 1.38 फीसदी से हल्का नरम होकर (-) 1.33 फीसदी पर आ गया। वहीं दूसरी तरफ हाउसिंग इनफ्लेशन इस दौरान 2.76 फीसदी से उछलकर 2.91 फीसदी पर पहुंच गया लेकिन कपड़े और जूते का इनफ्लेशन 2.68 फीसदी पर स्थिर रहा।
Retail Inflation: सरकार ने RBI को दिया है यह टारगेट
सरकार ने केंद्रीय बैंक आरबीआई को रिटेल इनफ्लेशन को 4 फीसदी पर बनाए रखने का टारगेट दिया है। इसमें 2 फीसदी ऊपर-नीचे हो सकता है यानी कि 2-6 फीसदी के दायरे में महंगाई दर रह सकती है। सीपीआई डेटा कितना अहम है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि जब आरबीआई हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीतियां तय करता है तो इसके आंकड़े को भी ध्यान में रखा जाता है।