अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने इंट्रेस्ट रेट बढ़ा दिया है। उसने इंट्रेस्ट रेट 0.25 फीसदी बढ़ाया है। 2018 के बाद अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट में यह पहली वृद्धि है। इंट्रेस्ट रेट में एक-चौथाई फीसदी वृद्धि की उम्मीद पहले से की जा रही थी। फेडरल रिजर्व ने कई अहम बातें भी बताई हैं। उसने कहा है कि इस साल के अंत तक अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट 1.75 से 2 फीसदी के दायरे में होगी। उसने यह भी कहा है कि अमेरिका में महंगाई की दर में अगले साल तक ही कमी आएगी।
गुरुवार को दुनिया भर के स्टॉक मार्केट्स पर फेडरल रिजर्व के कदम का असर पड़ा। इंडिया में भी स्टॉक मार्केट शानदार तेजी के साथ खुले। 11:30 बजे बीएसई सेंसेक्स करीब 1000 अंक की तेजी दिखा रहा था। सवाल है कि अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट बढ़ने का क्या असर पडे़गा, क्या इसके बाद इंडिया में आरबीाई पर भी इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का दबाव बढ़ जाएगा। आइए इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
फेडरल रिजर्व के इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने का क्या असर पड़ेगा?
अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट बढ़ने की खबर से अमेरिका बाजार तेजी के साथ बंद हुए। इंडिया सहित दुनिया भर के स्टॉक मार्केट्स में तेजी देखने को मिली है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टॉक मार्केट में तेजी जारी रह सकती है। इसकी वजह यह है कि अनिश्चितता की स्थिति खत्म होती दिख रही है। अमेरिका में इंट्रेस्ट रेट बढ़ चुका है। इंडिया में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजें आ चुके हैं। चार राज्यों में BJP की सरकार बनने जा रही है। उधर, यूक्रेन और रूस की लड़ाई खत्म करने की कोशिश हो रही है। क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है। पिछले हफ्ते यह 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। इन सभी वजहों से स्टॉक मार्केट का सेंटिमेंट पॉजिटिव रह सकता है।
क्या यूएस में इंट्रेस्ट बढ़ने का असर RBI की पॉलिसी पर भी पड़ेगा?
हां, अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का असर आरबीआई की पॉलिसी पर पड़ने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि फेडरल रिजर्व ने इनफ्लेशन को काबू में करने के लिए इंट्रेस्ट रेट बढ़ाया है। अमेरिका में इनफ्लेशन 7.9 फीसदी पर पहुंच गया है, जो 40 साल में सबसे ज्यादा है। इंडिया में भी इनफ्लेशन बढ़ा है। खासकर रूस-यूक्रेन क्राइसिस के चलते क्रूड सहित कमोडिटी की कीमतों में उछाल आया है। इसका असर महंगाई दर पड़ेगा। ऐसे में रिजर्व बैंक के रुख में बदलाव दिख सकता है।
क्या आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में भी बदलाव हो सकता है?
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक अगले महीने की 6 से 8 तारीख के बीच होगी। यह नए वित्त वर्ष में आरबीआई की एमपीसी की पहली बैठक होगी। आरबीआई ने अब तक अपना स्टैंस अकोमोडेटिव बनाए रखा है। इसकी वजह यह है कि अब तक रिटेल इनफ्लेशन आरबीआई की तरफ से तय दायरे में रहा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई को इनफ्लेशन को लेकर अपने अनुमान में बदलाव करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि महंगाई बढ़ने के संकेत हैं। दूसरा, आरबीई अपने अकोमोडेटिव स्टैंस में भी बदलाव कर सकता है।