फिच ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत का ग्रोथ अनुमान घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है। फिच का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके चलते कच्चे तेल की कीमतों में आई बढ़ोतरी पूरी दुनिया की इकोनॉमी पर प्रतिकूल असर डालेगी। भारत भी इसका अपवाद नहीं होगा। रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि ओमीक्रोन के लहर के जल्दी ही ठंडे पड़ने के साथ ही तमाम प्रतिबंधों को वापस हटा लिया गया है। जिसके चलते इस साल जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में तेजी की भूमिका बनी।