आर्थिक मोर्चे पर देश की रफ्तार बढ़ाने के लिए टैक्स की दरों में कटौती की जानी चाहिए। ऐसा प्रख्यात अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला का मानना है। सुरजीत का कहना है कि भारत दुनिया के सबसे अमीर देशों में शुमार तो नहीं है लेकिन यह टैक्स कलेक्शन के मामले में दुनिया के सबसे बड़े देशों में शुमार जरूर है। उनका मानना है कि इनकम टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसदी तक लाया जाना चाहिए। अभी देश में इनकम टैक्स की सबसे ऊंची दर 39 फीसदी है। इस साल के बजट 2023 में इसे 42.74 फीसदी से घटाकर नीचे लाया गया है और इसके लिए हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की कमाई पर सरचार्ज को कम करके किया गया।
सुरजीत भल्ला के मुताबिक अगर इनकम टैक्स की दरें बहुत ऊंची रहेगी तो टैक्स चोरी पर लगाम नहीं लगाई जा सकेगी। उनका मानना है कि सबसे अधिक नौकरशाही डायरेक्ट टैक्स में है और इसमें टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए इसे और अधिक सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने की जरूरत है ताकि सिर्फ कुछ सेक्टर्स की बजाय सभी को इसका फायदा मिल सके। सुरजीत भल्ला के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स की बात करें तो इसे 25 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए जोकि अभी 40 फीसदी के करीब है। इस प्रकार सुरजीत भल्ला का सुझाव इनकम टैक्स की सबसे ऊंची दर को कॉरपोरेट टैक्स के बराबर लाने की है। कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी है।
क्या हैं टैक्स कलेक्शन से जुड़े आंकड़े
सुरजीत का कहना है कि केंद्र, राज्य और लोकल बॉडीज जो टैक्स कलेक्ट करते हैं, वह देश की जीडीपी का करीब 19 फीसदी है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में 19.68 लाख करोड़ रुपये का ग्रॉस टैक्स कलेक्ट हुआ था जो सालाना आधार पर 20 फीसदी से अधिक बढ़ा था। इसमें ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स का 10.04 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा शामिल है जो सालाना आधार पर 16.91 फीसदी बढ़ा। वहीं समान अवधि में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 24.23 फीसदी उछलकर 9.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।