भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) 29 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 3.794 अरब डॉलर घटकर 586.908 अरब डॉलर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से यह जानकारी दी गई है। इससे पहले 22 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का कुल रिजर्व 2.335 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 590.702 अरब डॉलर था। देश में विदेशी मुद्रा भंडार का अब तक का सर्वाधिक उच्च स्तर अक्टूबर 2021 में देखा गया था, जब यह 645 अरब डॉलर पर था। लेकिन पिछले साल वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबावों के बीच RBI (Reserve Bank of India) ने रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया, जिससे यह घट गया।
विदेशी मुद्रा भंडार ने इस साल 14 जुलाई को खत्म सप्ताह में एक बार फिर 600 अरब डॉलर के मार्क को पार किया था। उस सप्ताह में यह 12.74 अरब डॉलर बढ़कर 609.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 29 सितंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट्स 3.127 अरब डॉलर घटकर 520.236 अरब डॉलर पर आ गए। फॉरेन करेंसी एसेट्स की फॉरेक्स रिजर्व में बड़ी हिस्सेदारी रहती है। फॉरेन करेंसी एसेट्स में यूरो, पाउंड और येन जैसी नॉन-यूएस यूनिट्स में उतार-चढ़ाव के असर को भी शामिल किया जाता है।
आरबीआई का कहना है कि देश का गोल्ड रिजर्व भी 57.6 करोड़ डॉलर घटकर 43.731 अरब डॉलर रह गया है। आंकड़ों के अनुसार, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) 7.4 करोड़ डॉलर घटकर 17.939 अरब डॉलर रह गए। रिजर्व बैंक ने यह भी जानकारी दी है कि 29 सितंबर को समाप्त सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के पास रखा भारत का मुद्रा भंडार 1.8 करोड़ डॉलर घटकर 5.002 अरब डॉलर पर आ गया।