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एशिया के उभरते बाजारों के लिए कम महंगाई दर का दौर खत्म हो रहा है, Moody’s ने दी चेतावनी

रूस-यूक्रेन लड़ाई के चलते फूड , मेटल, ऑयल, इंजीनियरिंग गुड्स की कीमतों में बढ़ोतरी दुनिया भर की इकोनॉमी पर अपना असर दिखा रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 27, 2022 पर 1:17 PM
एशिया के उभरते बाजारों के लिए कम महंगाई दर का दौर खत्म हो रहा है, Moody’s ने दी चेतावनी
मांग की तुलना में सप्लाई में दिक्कत देखने को मिल रही है। जिससे कीमत में बढ़ोतरी की गति बढ़ी है

रेटिंग एजेंसी मूडीज की रिसर्च ब्रांच Moody’s Analytics ने चेतावनी दी है कि एशिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में एक दशक लंबा कम महंगाई दर का दौर अब खत्म होने वाला है। मूडीज ने कहा है कि हमें इसके असर को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। मूडीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि एशिया के उभरते बाजारों में महंगाई में धीरे-धीरे बढ़त की शुरुआत होगी और फिर यह गंभीर रुख लेती नजर आएगी। इस बढ़ती महंगाई का असर एशिया के सभी उभरते बाजारों में देखने को मिलेगा। हालांकि इससे कोई बहुत बड़ी उथल-पुथल नहीं होगी।

गौरतलब है कि एक दशक से ज्यादा की अवधि से थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस और चीन जैसी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में उपभोक्ता महंगाई दर काफी निचले स्तर पर रही है। पूरी दुनिया में कमोडिटीज की कीमतों में बीच-बीच में आई बढ़ोतरी का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ा है।

मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब इस स्थिति में बदलाव आता नजर आ रहा है। मूडीज का यह भी मानना है कि उभरती एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह मांग में बढ़ोतरी है। चीन को छोड़कर दूसरे उभरते एशियाई देशों की इकोनॉमी में 2022 की पहली छमाही में अच्छी तेजी लौटती दिखी है। इसका मतलब यह है कि इन इकोनॉमीज में एक बार फिर तेजी से मांग में बढ़ोतरी हो रही है। जिसके वजह से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में बढ़त देखने को मिल रही है।

इसके साथ ही मांग की तुलना में सप्लाई में दिक्कत देखने को मिल रही है। जिससे कीमत में बढ़ोतरी की गति बढ़ी है। अब एशिया और दूसरे दक्षिणी एशियाई देशों में इकोनॉमी के फिर से खुलने के प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। इसके अलावा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और सप्लाई चेन में आई मुश्किलों के कारण बढ़ती डिमांड के दौर में महंगाई में और बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

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