Ola CEO Bhavish Aggarwal : ओला के फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा कि भारत में टेस्ला (Tesla) विशेष रियायतें देना देश के हित में नहीं है, क्योंकि सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री (electric vehicle industry) में घरेलू लीडर्स के विकास पर काम कर रही है।
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अग्रवाल ने कहा, “टेस्ला यहां आने, शॉप खोलने और अपनी कारें बेचने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन वे दूसरों से अलग व्यवहार चाहते हैं, जो मुझे लगता है कि भारत के हित में नहीं है।”
मस्क भारत से चाहते हैं यह सुविधा
मई में टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) ने एक ट्वीट के जवाब में कहा था कि कंपनी भारत में तब तक अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं शुरू करेगी, जब तक उसे देश में आयातित कारें बेचने और सर्विस करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
अमेरिका की दिग्गज कार कंपनी और भारत लगभग दो साल से देश में इलेक्ट्रिक कार कंपनी को लाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।
गडकरी चीन से इंपोर्ट से कर चुके हैं इनकार
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) कह चुके हैं कि यदि टेस्ला भारत में ईवी बनाने के लिए राजी है तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन कंपनी को चीन से कारें इंपोर्ट नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत आइए, मैन्युफैक्चरिंग शुरू कीजिए।”
फरवरी में टेस्ला की आयातित ईवी पर टैक्स में कमी की मांग को सरकार ने खारिज कर दिया था और कहा था कि मौजूदा नियम कम टैक्स के लिए आंशिक रूप से निर्मित ऑटोमोबाइल्स को आयात करने और स्थानीय स्तर पर असेंबल करने की अनुमति देते हैं।
हालांकि, चीन के मामले में टेस्ला को न सिर्फ सफलता मिली बल्कि उसने देश के इमर्जिंग सेक्टर की ग्रोथ को रफ्तार भी दी।
गडकरी ने अप्रैल में कहा था कि यदि ऑटो कंपनी भारत में विनिर्माण करती है तो कंपनी को फायदा होगा और भारत एक बड़ा बाजार है, वे भारत से निर्यात भी कर सकते हैं।