Get App

रूस रुपये में पेमेंट लेने को तैयार नहीं, रूस के साथ चल रही बातचीत बंद हुई

Russia रुपये में पेमेंट लेने के लिए तैयार नहीं है। इसकी वजह यह है कि अभी दोनों देशों के बीच व्यापार में रूस का पलड़ा बहुत भारी है। ऐसे में रूस अगर रुपये में पेमेंट लेने को तैयार हो जाता है तो उसके पास बहुत ज्यादा रुपये इकट्ठे हो जाएंगे, जिसका इस्तेमाल करने में उसे दिक्कत आएगी

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड May 04, 2023 पर 5:04 PM
रूस रुपये में पेमेंट लेने को तैयार नहीं, रूस के साथ चल रही बातचीत बंद हुई
रूस ने पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले शुरू किए थे। तब से रूस से इंडिया का आयात बढ़कर 51.3 अरब डॉलर पहुंच गया है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 10.6 अरब डॉलर था।

भारत और रूस ने द्विपक्षीय व्यापार (India Russia bilateral trade) का सेटलमेंट रुपये में करने की कोशिशें बंद कर दी हैं। पिछले कई महीनों से दोनों पक्षों के बीच इस बारे में बातचीत चल रही थी। लेकिन, भारत रूस को रुपये में पेमेंट लेने के लिए तैयार नहीं कर सका। इस मामले से जुड़े दो सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह रूस से कम प्राइस पर ऑयल का इंपोर्ट करने वाले आयातकों के लिए खराब खबर है। उन्हें रुपये में पेमेंट की सुविधा शुरू हो जाने की उम्मीद थी। इससे करेंसी कनवर्जन पर आने वाला खर्च बचाने में उन्हें मदद मिलती।

इंडिया रूस को एक्सपोर्ट कम इंपोर्ट ज्यादा करता है

भारत और रूस के बीच व्यापार संतुलन रूस के पक्ष में झुका हुआ है। इसलिए रूस का मानना है कि अगर वह रुपये में पेमेंट लेने को तैयार हो जाता है तो उसके पास सालाना 40 अरब डॉलर मूल्य के रुपये जमा हो जाएंगे। इस बारे में अधिकारी ने बताया कि रूस का मानना था कि इतना ज्यादा रुपये का इकट्ठा होना ठीक नहीं है। इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री, RBI और रूसी अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिए।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें