देश में अब केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 85 नए केंद्रीय विद्यालयों (KVs) और 28 जवाहर नवोदय विद्यालयों (JNVs) को खोलने की मंजूरी दे दी है। दस साल में स्कूलों के विस्तार को लेकर केंद्र सरकार का यह सबसे बड़ा कदम है। इस पहल का उद्देश्य देशभर में 82,000 से अधिक छात्रों को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। इस पहल का उद्देश्य देश भर में 82,000 से अधिक छात्रों को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है। इसके अलावा एक केंद्रीय विद्यालय का विस्तार भी किया जाएगा। इससे पहले केंद्रीय विद्यालयों का सबसे बड़ा विस्तार मार्च 2019 में हुआ था, जब 50 नए स्कूलों को मंजूरी दी गई थी, जबकि फरवरी 2014 में यूपीए सरकार ने 54 स्कूलों को खोलने की मंजूरी दी थी। हालांकि इनमें से कई स्कूल अभी भी अस्थायी कैंपसों में चल रहे हैं।
नए केवी खोलने और मौजूदा स्कूल के विस्तार पर कुल 5,872.08 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। ये रुपये 2025-26 से शुरू होकर आठ वर्षों में खर्च होंगे। वहीं ओवरऑल प्रोजेक्ट यानी कि नवोदय विद्यालयों को भी मिलाकर कुल 8,231 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। नए केवी को आठ वर्षों में खोला जाएगा जबकि जवाहर नवोदय विद्यालयों को इस वित्त वर्ष से लेकर 2028-29 तक पांच वर्षों में खोला जाएगा।
अभी 1,256 केवी चल रहे हैं जिसमें तीन मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में हैं। इनमें 13.56 लाख स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इसके अलावा 661 जेएनवी में से 653 चल रहे हैं। अब केंद्रीय कैबिनट ने जिन नए केवी को मंजूरी दी है, उनमें सबसे अधिक 13 जम्मू कश्मीर में खुलेंगे। इसके बाद मध्य प्रदेश में11, राजस्थान में 9, आंध्र प्रदेश में 8 और ओडिशा में 8 केवी खुलेंगे। नए जेएनवी की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक 8 जेएनवी खुलेंगे।
इतने एनरोलमेंट और जॉब्स की होगी जगह
सरकार के मुताबिक नए केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में करीब एक लाख स्टूडेंट्स के एनरोलमेंट के मौके बनेंगे और नौकरी के करीब 6,600 मौके तैयार होंगे। जेएनवीज में 15,680 स्टूडेंट्स और 1,316 एंप्लॉयीज की जगह होगी। इन विद्यालयों के खुलने से स्थानीय स्तर पर सप्लाई चेन, हाउसकीपिंग, सिक्योरिटी, और मैटेरियल सप्लाईज जैसे काम के मौके भी बनेंगे।