केंद्र सरकार ने 2010 के बच्चों के मुफ्त और राइट टू एजुकेशन (RTE) नियमों में संशोधन किया है, जिसके तहत "नो-डिटेंशन" पॉलिसी को खत्म कर दिया गया है। जिसके बाद से राज्य सरकारों को कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करने का अधिकार मिल गया है, जिसमें असफल होने पर छात्रों को रोकने का भी प्रावधान है। यह बदलाव लंबे टाइम से चली आ रही "नो-डिटेंशन" नीति से हटकर है, जो 2009 में RTE एक्ट लागू होने के बाद से भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा रही थी।