सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की एक संवैधानिक बेंच ने 31 अक्टूबर को इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) मामले पर सुनवाई शुरू कर दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं फाइल की गई थीं। इस मामले पर करीब दो साल बाद सुनवाई हो रही है। सुनवाई करने वाली बेंच में चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवली, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। इससे पहले इस मामले में मार्च 2021 में सुनवाई हुई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पिछले 8 साल से लंबित है। माना जा रहा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का व्यापक असर 2024 में लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा। 30 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने कहा कि वोटर्स को यह जानने का अधिकार नहीं है कि किसी राजनीतिक दल को पैसा कहां से मिलता है। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।