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Basmati Rice असली है या नकली, अब कंफ्यूजन नहीं, पहली बार सरकार ने तय किए इसके मानक

अब मनमानी किसी चावल को बासमती के नाम पर नहीं बेच सकेंगे। इसके अलावा मिलावट पर भी रोक लगेगी। बासमती चावल (Basmati Rice) के लिए पहली बार देश में मानक तय हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने ब्राउन बासमती राइस, मिल्ड बासमती राइस, पैरब्वॉइल्ड ब्राउन बासमती राइस और मिल्ड पैरब्वॉइल्ड बासमती राइस के लिए ये मानक तय किए हैं

अपडेटेड Jan 12, 2023 पर 7:49 PM
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Basmati Rice की डिमांड बहुत है।

अब दुकानदार किसी भी चावल को बासमती के नाम पर नहीं बेच सकेंगे। इसके अलावा बासमती चावल में दूसरे सस्ते चावलों की मिलावट पर भी रोक लगेगी। बासमती चावल (Basmati Rice) के लिए पहली बार देश में मानक तय हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने ब्राउन बासमती राइस, मिल्ड बासमती राइस, पैरब्वॉइल्ड ब्राउन बासमती राइस और मिल्ड पैरब्वॉइल्ड बासमती राइस के लिए ये मानक तय किए हैं। ये नियम 1 अगस्त 20223 से प्रभावी हो जाएंगे। FSSAI के तय मानकों के हिसाब से बासमती चावल ही महक प्राकृतिक महक होनी चाहिए और इसमें अलग से रंग नहीं ऐड नहीं होना चाहिए। नियमों के मुताबिक बासमती चावल में पॉलिशिंग एजेंट्स और ऑर्टिफिशियल फ्रेगरेंस नहीं होना चाहिए।

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Basmati Rice में होनी चाहिए ये खूबियां


FSSAI के मानकों के तहत बासमती चावल में प्राकृतिक खुशबू और रंग होना चाहिए। इसके अलावा चावल के आकार, पकाने के बाद साइज, नमी की अधिकतम सीमा, एमाइलोज कंटेंट, यूरिक एसिड, डिफेक्टिवनेस और गैर-बासमती चावलों की मिलावट को लेकर भी नियम तय किए गए हैं। सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक ये मानक बासमती चावल की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए तय किए गए है। यह नोटिफिकेशन गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक हटने के कई महीने बाद आया है। पिछले साल सितंबर 2022 की शुरुआत में टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगाई गई और गैर-बासमती चावल पर 20 फीसदी की कस्टम ड्यूटी लगाई गई।

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क्यों तय करने पड़े मानक

बासमती चावल की डिमांड बहुत है तो मुनाफे के लिए मिलावटी चावल बेचा जाता है। ऐसे में सरकार ने घरेलू और निर्यात बाजार में स्टैंडर्ड बासमती चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ही मानक लेकर आई है। इसे सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत कर तैयार किया गया है। भारत से चावल का बड़ी मात्रा में निर्यात होता है। प्रतिबंधों के बावजूद पिछले साल अप्रैल-अक्टूबर के बीच 126.97 लाख टन बासमती और गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ। यह सालाना आधार पर 7.37 फीसदी अधिक रहा।

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