H3N2 Virus: कोरोना वायरस महामारी से अब राहत मिलती नजर आ रही है। लेकिन अब इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 ने फिर से देशवासियों की टेंशन बढ़ा दी है। कुछ महीनों से सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह वायरस अब जानलेवा भी बनता जा रहा है। इससे अब तक 2 लोगों की मौत हो गई है। बीमारी के चलते डॉक्टरों के पास जाने वाले 10 बच्चों में से 6 बच्चों में इस फ्लू के लक्षण दिखी दे रहे हैँ। भारत इन दिनों मौसमी बीमारियों के लहर से जूझ रहा है। पिछले 2 महीनों में H3N2 के मामले तेजी से बढ़े हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Health and Family Welfare) से मिली जानकारी के मुताबिक, H3N2 वायरस के कारण बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि इस महीने मामले कम आएंगे। यह वायरस सीनियर सिटीजन के साथ-साथ बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।
देश कई शहरों में H3N2 वायरस का कहर जारी
दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल (Holy Family Hospital) के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश राज (Dinesh Raj) के अनुसार, पिछले 2 महीनों में फ्लू जैसे लक्षणों के मामले 30-40 फीसदी बढ़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि OPD में आने वाले मरीजों में 10 में से 5-6 बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। वहीं मुंबई के SRCC चिल्ड्रेन हॉस्पिटल (SRCC Children’s Hospital) की डॉ. नेहल शाह (Dr Nehal Shah) का कहना है कि OPD में आने वाले मरीजों में 10 से 6-7 बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण नजर आ रहे थे। फोर्टिस अस्पताल बेंगलुरु (Fortis Hospital, Bengaluru) के डॉ. योगेश कुमार गुप्ता (Dr Yogesh Kumar Gupta) ने भी बताया कि ऐसे ही हालात बेंगलुरु में भी हैं। इसके लिए हम बच्चों के टेस्ट पर जोर दे रहे हैं।
H3N2 वायरस संक्रमण मरीज में 5-7 दिनों तक रहता है। 3 दिन बाद बुखार कम हो सकता है। वहीं कुछ मामलों में कई दिनों तक खांसी बनी रह सकती है। खांसी, नाक से पानी आना, उल्टी, डायरिया जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
इंडियन कांउसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने नियमित रुप से हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है। ये सभी सलाह कोविड से मिलते जुलते हैं। इसके साथ ही खान पान में बहुत सारे तरल पदार्थ, आंख और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्क, बुजुर्ग औऱ छोटे बच्चों में ये ज्यादा घातक हो सकता है। डॉक्टर की सलाह लिए बगैर एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की भी मनाही की गई है।