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भारत-चीन सीमा विवाद पर बोले PM मोदी- "इसे तुरंत सुलझाने की जरूरत, द्विपक्षीय संबंधों में 'असामान्यता' को छोड़ना होगा पीछे"

India-China Dispute: PM मोदी का कहना है कि स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध केवल भारत और चीन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। मई 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में कड़वाहट आई। भारत का कहना है कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति न हो

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 11, 2024 पर 4:26 PM
भारत-चीन सीमा विवाद पर बोले PM मोदी- "इसे तुरंत सुलझाने की जरूरत, द्विपक्षीय संबंधों में 'असामान्यता' को छोड़ना होगा पीछे"
भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर लगभग 4 साल से टकराव में फंसे हुए हैं।

भारत और चीन (India-China Border Dispute) के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंधों को पूरे क्षेत्र एवं दुनिया के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उम्मीद जताई है कि कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय संबंधों के माध्यम से दोनों देश अपनी सीमाओं पर शांति बहाल करने और उसे बनाए रखने में सक्षम होंगे। अमेरिका की 'न्यूजवीक' मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए चीन के साथ संबंध महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ''मेरा यह मानना है कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से बनी स्थिति से तत्काल निपटने की जरूरत है ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके। भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल हम दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।" पीएम मोदी ने कहा, ''मुझे उम्मीद और भरोसा है कि कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर सकारात्मक एवं रचनात्मक बातचीत के जरिए हम अपनी सीमाओं पर शांति बहाल करने और वहां स्थिरता बनाए रखने में सक्षम होंगे।"

मई 2020 से ​बिगड़े रिश्ते

भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर लगभग 4 साल से टकराव में फंसे हुए हैं। भारत का कहना है कि चीन के साथ उसके द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति न हो। मई 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट आई। उस झड़प में 20 भारतीय सैनिक और अज्ञात संख्या में चीनी सैनिक मारे गए थे।

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