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Indian Railway: ट्रेन के कोच भी किए जाते हैं रिटायर, जानिए कब तक चलते हैं ट्रैक पर

Indian Railway: ट्रेन के डिब्बे यानी बोगी जनरल हो स्लीपर हो या एसी हो सभी की एक समय सीमा होती है। एक निश्चित समय के बाद ट्रेन के कोच की सर्विस खत्म कर दी जाती है। यानी ट्रेन के डिब्बों को रिटायर कर दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये कोच कितने साल तक इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके बाद इन डिब्बों का क्या किया जाता है

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Jun 06, 2023 पर 1:15 AM
Indian Railway: ट्रेन के कोच भी किए जाते हैं रिटायर, जानिए कब तक चलते हैं ट्रैक पर
Indian Railway: ट्रेन के ICF कोच को 25-30 साल तक इस्तेमाल किया जाता है

Indian Railway: भारतीय रेलवे (Indian Railway) एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश में रोजाना करीब 2.3 करोड़ यात्री ट्रेन से सफर करते हैं। पैसेंजर ट्रेनों में कई तरह के कोच होते हैं। इनमें AC, जनरल और स्लीपर और इकोनॉमिक कोच शामिल हैं। भारत में रेलवे की स्थापना 8 मई 1845 को हुई थी। करीब 178 सालों से भारत में रेलवे आज भी आने-जाने के लिए आज भी बडा साधन बना हुआ है। ट्रेन के डिब्बे यानी बोगी जनरल हो स्लीपर हो या AC हो सभी की एक समय सीमा होती है।

एक निश्चित समय के बाद ट्रेन के कोच की सर्विस खत्म कर दी जाती है। यानी ट्रेन के डिब्बों को रिटायर कर दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये कोच कितने साल तक इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके बाद इन डिब्बों का क्या किया जाता है।

जानिए कब रिटायर होते हैं कोच

भारतीय रेलवे में यात्रियों को सेवा देने वाले ICF कोच की कुल लाइफ 25 से 30 साल की होती है। यानी कि एक कोच 25-30 साल तक ही सर्विस में रहता है। इसके बाद इस कोच की सर्विस खत्म कर दी जाती है। हालांकि, इस दौरान पैसेंजर कोच को हर 5 या 10 साल में एक बार रिपेयर या मेंटेनेंस किया जाता है। 25 साल तक सर्विस के बाद उस कोच को रिटायर कर दिया जाता है। रिटायर कोच को ऑटो कैरियर में बदल दिया जाता है। इस ट्रेन को एनएमएजी (Newly Modified Goods वैगन) रेक का नाम दिया जाता है।

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