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भारत की थोक महंगाई दर में गिरावट जारी रहने की संभावना

WPI में पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट देखने को मिली है। यह मार्च 2023 में 1.34 फीसदी पर आ गई थी। जबकि फरवरी में यह 3.85 फीसदी और जनवरी में 4.53 फीसदी पर रही थी। पिछले महीने मार्च में WPI महीने दर महीने आधार पर लगभग सपाट रही थी। जानकारों का कहना है कि थोक महंगाई दर में गिरावट से खुदरा मंहगाई दर में भी कमी आएगी। गौतरलब है कि अप्रैल 2023 में खुदरा महंगाई की दर 4.70 फीसदी पर रही है, जो पिछले 18 महीने का सबसे निचला स्तर है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड May 15, 2023 पर 10:29 AM
भारत की थोक महंगाई दर में गिरावट जारी रहने की संभावना
अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारत में ब्याज दरों में बढ़त का चक्र अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। यहां से अब दरों में कटौती देखने को मिल सकती है

भारत की थोक महंगाई दर (WPI) में गिरावट जारी रहने की संभावना है। इस गिरावट में बेस इफेक्ट का सबसे अहम किरदार होगा। बता दें कि पिछले साल अप्रैल महीने में WPI 15.1 फीसदी पर रही थी। WPI में पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट देखने को मिली है। यह मार्च 2023 में 1.34 फीसदी पर आ गई थी। जबकि फरवरी में यह 3.85 फीसदी और जनवरी में 4.53 फीसदी पर रही थी। पिछले महीने मार्च में WPI महीने दर महीने आधार पर लगभग सपाट रही थी।

अप्रैल में खुदरा महंगाई में भी आई गिरावट

मार्च 2023 में प्राइमरी आर्टिकल की महंगाई में 1.16 फीसदी पर रही थी। जबकि फ्यूल और पॉवर और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की महंगाई 1.26 फीसदी और 0.28 फीसदी पर रही थी। जानकारों का कहना है कि थोक महंगाई दर में गिरावट से खुदरा मंहगाई दर में भी कमी आएगी। गौतरलब है कि अप्रैल 2023 में खुदरा महंगाई की दर 4.70 फीसदी पर रही है, जो पिछले 18 महीने का सबसे निचला स्तर है। अप्रैल में खुदरा महंगाई में आई गिरावट में सबसे बड़ा योगदान बेस इफेक्ट का रहा है।

 RBI मौद्रिक नीतियों के निर्धारण में रिटेल महंगाई के स्तर को काफी अहमियत

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