हिंद महासागर में भारतीय सीमाओं की रक्षा हेतु एक और वरदान के तौर पर एक मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत भारतीय नौसेना (Indian Navy) का हिस्सा बना है। दरअसल, भारत में बने घातक मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। INS Mormugao को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उपस्थित रहे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। उन्होंने INS Mormugao को टेक्नोलॉजी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया।
सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। एक्सपर्ट के अनुसार यह 2027 में शीर्ष तीन में शामिल हो जाएगी। वहीं, नौसेना प्रमुख ने कहा कि युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है। पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर इस युद्धपोत का नाम मोरमुगाओ रखा गया है। संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे हुए थे।
क्या है INS Mormugao की खासियत?
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है। इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। मोरमुगाओ विशाखापत्तनम श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है। इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस युद्धपोत को तैयार करने में करीब 75 फीसदी सामग्री स्वदेशी है। साथ ही इस युद्धपोत पर तैनात (Torpedo Tubes and Launchers, Anti-Submarine Rocket Launchers, Super Rapid Gun Mount besides, Combat Management System, Integrated Platform Management System) किए गए प्रमुख हथियार भी स्वदेशी हैं।
INS Mormugao नाम रखने की वजह
गोवा में मुरमुगाओ एक बहुत ही खूबसूरत शहर और वहां का प्रसिद्ध बंदरगाह (Named after the historic port city of Goa) का नाम है। उसी के नाम पर आईएनएस मुरमुगाओ (Mormugao) का नाम रखा गया है। अगर इस स्वदेशी युद्धपोत की रफ्तार की अगर बात करें तो 30 समुद्री मील यानी करीब 55 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है। इससे पहले आईएनएस विशाखापतनम को पिछले साल 2021 में नवंबर महीने में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
परमाणु ,जैविक और रासायनिक युद्ध से बचाव में सक्षम
इस युद्धपोत (Mormugao) पर माध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात किया गया है। इसके साथ ही 290 किलोमीटर से लेकर 450 किलोमीटर की रेंज वाली ब्रह्मोस सतह से सतह (Surface to Surface) पर मार करने वाली मिसाइलें भी शामिल हैं। यह स्वदेशी युद्धपोत परमाणु (Nuclear), जैविक और रासायनिक युद्ध के समय बचाव (Biological and Chemical (NBC) warfare conditions) करने में काफी सक्षम है। इसे बनाने में उन आधुनिक उपकरणों सहित इसकी बाहरी परत को एक तरह के स्पेशल स्टील से बनाया गया है जो दुश्मनों के रडार (Radar Cross Section (RCS) पर उसे लोकेट जल्दी न कर सकें ।