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Jagannath Rath Yatra 2021: आज से शुरू हुई रथ यात्रा, जानें 10 दिनों तक चलने वाला ये उत्सव क्यों है इतना खास

Jagannath Rath Yatra: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 12, 2021 पर 12:25 PM
Jagannath Rath Yatra 2021: आज से शुरू हुई रथ यात्रा, जानें 10 दिनों तक चलने वाला ये उत्सव क्यों है इतना खास

जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2021) का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस रथ यात्रा का आयोजन पुरी (Puri), उड़ीसा (Odisha) के जगन्नाथ मंदिर से किया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन होती है। हर साल बड़ी संख्या में भक्त इस यात्रा के लिए इकट्ठा होते हैं। हालांकि, Covid-19 प्रतिबंधों के कारण, इस वर्ष यात्रा बिना किसी भक्त के होगी। यह त्योहार भगवान जगन्नाथ, जिन्हें पूरी दुनिया का भगवान कहा जाता है, उनके बड़े भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा की पूजा करके मनाया जाता है। यात्रा के लिए देवताओं के लिए एक तरह के नीम के पेड़ की लकड़ी से तीन विशाल रथ बनाए जाते हैं। इस साल रथ यात्रा सोमवार, 12 जुलाई को सुबह 7:47 बजे शुरू हुई और 12 जुलाई 2021 को सुबह 8:19 बजे समाप्त हो गई।

पुरी की ये रथ यात्रा सद्भाव, भाईचारे और एकता की प्रतीक है। इस यात्रा में शामिल लेने के लिए देश के अलग-अलग कोनों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और भगवान के रथ को खींचकर सौभाग्य प्राप्त करते हैं। कहा जाता है कि जो भी रथ यात्रा में शामिल होता है उसे हर तरह की सुख-समृद्धि मिलती है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक पुरी में सीमित इलाके में रथ यात्रा निकाली गई। कोर्ट ने Covid-19 के डेल्टा प्लस (Delta+) वेरिएंट और तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पूरे राज्य में रथ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी रथ यात्रा की शुरुआत पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने ट्वीट किया, "रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सभी को बधाई। हम भगवान जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद सभी के जीवन में अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि लाए। जय जगन्नाथ!"

यात्रा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ को रथ यात्रा पर ले जाया जाता है और प्रसिद्ध गुंडिचा माता मंदिर में ले जाया जाता है, जहां भगवान 7 दिनों तक विश्राम करते हैं। इसके बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी यात्रा शुरू होती है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को पूरे भारत में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है।

रथ यात्रा का पुण्य

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