जेवर एयरपोर्ट में जमीन देने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, मिलेगा 10 हजार करोड़ का गिफ्ट

नोएडा में बन रहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट्स में से एक होगा। इस एयरपोर्ट की खास बात यह है कि यहां आठ रनवे बनाने का प्लान किया गया है, जिससे ये हवाई यात्रा के लिए एक प्रमुख हब बनेगा। वहीं इस एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले किसानों को एक बड़ा गिफ्ट मिलने जा रहा है

अपडेटेड Jan 04, 2025 पर 9:00 PM
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Noida Jewar Airport News: 40 हजार से ज्‍यादा किसानों में बंटेगा 10 हजार करोड़ का मुआवजा

Jewar Airport: उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे भारत के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने उस एरिया के किसानों की जिंदगी ही बदल दी है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में जमीन देने वाले किसानों, लगातार मालामाल हो रहे हैं। वहीं अब एक और खबर सामने आई है कि इस एयरपोर्ट में जमीन देने वाले ​किसानों को 10 ​हजार करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। बता दें कि एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। इन चरणों के लिए 14 गांवों के लगभग 40 हजार किसानों की लिस्ट तैयार कर ली गई है।

किसानों को मिलेगा 10 हजार करोड़

बता दें कि 14 गांवों के करीब 40 हजार किसानों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह लिस्ट किसानों के साथ साझा करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अब तक, एयरपोर्ट के पहले चरण के 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था, इस जमीन के लिए किसानों को 4 हजार करोड़ रुपये का मआवजा दिया गया था। वहीं दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसके लिए किसानों को 6200 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था। तीसरे और चौथे चरण में कुल 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।


चार फेज में पूरी होगी प्रक्रिया

जानकारी के मुताबिक जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चार चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण हो चुका है और किसानों को 1800 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। अब, तीसरे और चौथे चरण के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है।

जारी है एयरपोर्ट का काम

बता दें कि पहले और दूसरे चरणों में एयरपोर्ट के लिए दो नए रनवे बनाए जाएंगे, साथ ही 300 हेक्टेयर जमीन को एमआरओ (मैटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग) हब के लिए रिजर्व किया गया है, जहां विमानों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियां अपनी यूनिट्स लगाएंगी। वहीं तीसरे और चौथे चरण में दो रनवे बनाने के लिए जमीन रिजर्व रखी जाएगी। इसके अलावा, 300 हेक्टेयर जमीन विमानों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों के लिए भी रिजर्व की जाएगी। यमुना अथॉरिटी के अनुसार, सबसे ज्यादा 17 हजार किसान थोरा और रामनेर गांवों से प्रभावित होंगे।

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