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Jobs for Locals: किस राज्य में स्थानीय लोगों को नौकरी में कितना मिलता है आरक्षण? यहां देखिए पूरी लिस्ट

Jobs for Locals: देश में बेरोजगारी मुंह फैलाए खड़ी है। नौकरी की मारामारी मची हुई है। सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान रखा है। इस बीच आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, झारखंड जैसे राज्यों में स्थानीय लोगों को प्राइवेट नौकरियों में भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। आइये जानते हैं किस राज्य में कितने फीसदी आरक्षण है

अपडेटेड Dec 17, 2024 पर 1:07 PM
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Jobs for Locals: कर्नाटक राज्य सरकार ने ‘कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार विधेयक, 2024’ को मंजूरी दी थी।

देश में बेरोजगारी सबसे बड़े राजनीतिक मुद्दों में से एक है। यही वजह है कि हर राज्य बेरोजगारी कम करने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। लेकिन बेरोजगारी की समस्या वहीं का वहीं मुंह फैलाए खड़ी है। हरियाणा, कर्नाटक, झारखंड जैसे कई राज्य सरकारें स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियो में आरक्षण दे रही हैं। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम कर्नाटक का है। कर्नाटक राज्य सरकार ने ‘कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार विधेयक, 2024’ को मंजूरी दी थी। इसके बाद इसमें स्थानीय लोगों के लिए गैर-प्रबंधन नौकरियों में 75 फीसदी और प्रबंधन नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण अनिवार्य कर दिया।

दरअसल, देश को राज्यों में इसलिए बनाया गया है, ताकि छोटे-छोटे हिस्से का विकास हो सके। जब हर एक राज्य का विकास होगा तभी देश मजबूत बनेगा। हर देश की मजबूती की जड़ उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति होती है। शहर, राज्य, देश, दुनिया सभी जगह रोजगार की मांग है। इस मांग को पूरा करने के लिए रोजगार देने की शुरुआत पहले अपने घर यानि राज्य या शहर से होती है। देशभर के कई राज्यों ने नौकरी देने की प्राथमिकता पहले अपने ही राज्य के निवासियों को दी हुई है।

आंध्र प्रदेश


आंध्र प्रदेश सरकार भी अपने स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दे रही है। वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने निजी क्षेत्र और सार्वजनिक-निजी भागीदारी कंपनियों में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए 75 फीसदी नौकरियां आरक्षित करने वाला विधेयक पारित किया था। इसके बाद आंध्र प्रदेश उद्योग और कारखानों में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार अधिनियम 2019 ने सभी औद्योगिक इकाइयों, कारखानों और संयुक्त उद्यमों में तीन-चौथाई निजी नौकरियों को आरक्षित करने का आदेश दिया गया। यह विधेक करीब 5 साल पहले पारित किया गया था। हालांकि, इस विधेयक को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। जिसके बाद अदालत ने कहा था कि यह ‘असंवैधानिक हो सकता है।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए 70 फीसदी नौकरियां जरूरी क रदी थी। हालांकि यह सभी निजी कंपनियों पर लागू नहीं होता है। मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियां राज्य के लोगों के लिए आरक्षित होंगी और इसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान किए जा रहे हैं। ये बात राज्य के पूर्व सीम सिंह चौहान ने अगस्त 2020 में कही थी।

हरियाणा

हरियाणा सरकार ने निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था। हालांकि, यह कोटा 30,000 रुपये से कम मासिक वेतन वाली निजी नौकरियों के लिए है। इस विधेयक को मार्च 2021 में राज्यपाल की मंजूरी मिली। इसके बाद करीब 3 साल पहले इसे लागू किया गया था। यह कानून सभी कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों, सीमित देयता भागीदारी फर्मों, साझेदारी फर्मों पर लागू होता। हालांकि, पिछले नवंबर में अदालत ने कोटा विधेयक को खारिज कर दिया था। इसके बाद हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

झारखंड में 75 फीसदी आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

झारखंड में प्राइवेट सेक्टर में 75 फीसदी आरण मिलता है। 40,000 रुपये मासिक सैलरी वाली नौकरी पर यह आरक्षण लागू होता है। हालांकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी है। झारखंड विधानसभा ने साल 2021 में एक एक्ट पारित किया था। इसके मुताबिक, हर कंपनी को खाली पदों के 75 फीसदी पदों स्थानीय लोगों को रखना होगा। यह नियम 40,000 रुपये से ज्यादा सैलरी पर लागू नहीं होता है।

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MoneyControl News

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Tags: #jobs

First Published: Dec 17, 2024 12:59 PM

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