Sarkari Naukri: बिहार में फिर नौकरी की भरमार, 545 नए पदों पर होगी भर्ती, नीतीश कुमार ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
Sarkari Naukri: बिहार के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि 545 में से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 459 पदों पर भर्ती होगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 43 प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। बिहार में पिछले दिनों तमाम सरकारी पदों पर बंपर भर्ती हुई है। इन भर्तियों में बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के भी युवाओं को नौकरी मिली है
Sarkari Naukri: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 43 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें 545 पदों को भरने का भी प्रस्ताव था
Sarkari Naukri in Bihar: बिहार के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही राज्य में एक बार फिर बड़े पैमाने पर भर्तियां होंगी। करीब 545 खाली पड़े पदों को भरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि 545 में से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 459 पदों पर भर्ती होगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 43 प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। बिहार में पिछले दिनों तमाम सरकारी पदों पर बंपर भर्ती हुई है। इन भर्तियों में बिहार ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के भी युवाओं को नौकरी मिली है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अति विशिष्ट नेत्र विज्ञान केंद्र, राजेंद्र नगर (पटना) के सुगम संचालन के लिए 18 पदों को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही 72 एक्स्ट्रा पोस्ट की स्वीकृति दी गई है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के अधीन पहले से सृजित 6 पदों का प्रत्यर्पण तथा पांच नए पदों के सृजन का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा अनुमंडलीय न्यायालय बिरौल में एक जिला एवं अपर सत्र जज के न्यायालय के लिए अराजपत्रित कोटि के नौ पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग में जल्द होगी 4,135 पदों पर भर्ती
बिहार में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में 4135 पदों पर जल्दी भर्ती की जाएगी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में 123,936 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया है। इसके अलावा, 17447055 घरों में गृह जल संयोजन प्रदान किया जा चुका है और पेयजल आपूर्ति जारी है। मंत्री ने यह भी कहा कि जलापूर्ति योजनाओं में लगभग 40 प्रतिशत पंप चालक महिलाएं हैं। यह महिला सशक्तिकरण के तहत बहुत महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा मंत्री ने जीरो ऑफिस डे की पहल का भी जिक्र किया, इसके तहत सभी क्षेत्रीय अधिकारी विशेष रूप से निर्धारित दिनों पर कार्यालय में बैठने के बजाय जमीनी स्तर पर जाकर योजनाओं की वास्तविक स्थिति की जांच करते हैं। इसके साथ ही, विभाग क्षेत्रांतर्गत 10,719 टोलों (मोहल्ला) में जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के लिए 4,706.17 करोड़ रुपये की योजना पर कार्य शुरू हो चुका है। पंचायती राज विभाग द्वारा 16,124 टोलों में जलापूर्ति योजना के निर्माण हेतु सर्वे तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने 10,719 टोलों में जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के लिए 4706.17 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है। पंचायती राज विभाग ने 16,124 टोलों में जलापूर्ति योजना के निर्माण के लिए सर्वे कर लिया है। उन्होंने बताया कि शुद्ध पेयजल आपूर्ति का मानव स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बिहार के आर्थिक सर्वे के अनुसार, 2019 के मुकाबले 2024 में पानी से संबंधित बीमारियों में 15 गुना कमी आई है।
पेयजल ऐप के माध्यम से विभागीय अधिकारियों द्वारा योजना की वास्तविकता की जांच और रियल-टाइम रिपोर्टिंग की जा रही है, ताकि बंद योजनाओं की मरम्मत त्वरित रूप से की जा सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को पूरा करने के लिए हर घर को शुद्ध नल का जल पहुंचाने के उद्देश्य से विभाग ने नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए ऐप भी लॉन्च किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज विभाग से जो योजनाएं हमें हैंडओवर हुई हैं, उनमें 30 प्रतिशत गड़बड़ियां पाई गई थीं, जो अब 15 प्रतिशत पर आ गई हैं। इनको भी जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ योजनाएं विद्युत आपूर्ति में समस्याओं के कारण अस्थायी रूप से बंद रहती हैं, लेकिन विभाग समय सारणी के अनुसार जलापूर्ति सुनिश्चित करेगा। गर्मी के दिनों में पानी की आवश्यकता अधिक होने पर समय बढ़ाया जाएगा, और विभाग छह घंटे पानी देने की गारंटी देता है।