केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शुक्रवार को महंगी कारें बनाने वाली जर्मन कंपनी मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) से भारत में अधिक से अधिक कारें उत्पादन करने की अपील की। गडकरी ने कहा कि देश में ही कारों के बनने से उनकी लागत घटेगी, साथ ही यह लोगों के अधिक किफायती और सुलभ बनेंगी।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने शुक्रवार को पुणे के चाकन में स्थित अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से भारत में अपनी पहली असेंबल की गई कार 'EQS 580 4MATIC EV' को लॉन्च किया। यह एक इलेक्ट्रिक कार है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा बाजार है और यह हर दिन और बड़ा होता जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इन कारों की लागत तभी घटेगी, जब आप इसका उत्पादन बढ़ाएंगे। हम मिडिल क्लास के लोग हैं, यहां तक कि मैं भी आपकी कार नहीं खरीद सकता।"
बता दें कि मर्सिडीज की नई इलेक्ट्रिक कार 'EQS 580 4MATIC EV' की कीमत 1.55 करोड़ रुपये है। मर्सिडीज-बेंज ने भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कार 'SUV EQC' अक्टूबर 2020 में लॉन्च की थी। यह पूरी तरह से इंपोर्ट की गई कार है और इसकी कीमत 1.07 करोड़ है।
नितिन गडकरी के मुताबिक, देश में अभी तक कुल 15.7 लाख रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) हैं। उन्होंने कहा कि देश में EV बिक्री के लिए बड़ा बाजार है और इसमें सालाना आधार पर 335 प्रतिशत की तेजी देखी गई है। उन्होंने कहा कि देश में एक्सप्रेस हाईवे का नेटवर्क बढ़ रहा है और मर्सिडीज-बेंज इंडिया को यहां इन कारों के लिए एक अच्छा बाजार मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल का साइज इस समय करीब 7.8 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 3.5 लाख करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है। उन्होंन कहा कि "मेरा सपना इसे 15 लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्री बनाना है"। गडकरी ने मर्सिडीज-बेंज के सामने ज्वाइंट वेंचर के जरिए वाहन स्क्रैपिंग यूनिट्स को बनाने का भी विचार रखा, जिससे कंपनी को अपने कलपुर्जों की लागत को 30 प्रतिशत तक घटाने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा, "हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, हमारे पास 1.02 करोड़ वाहन स्क्रैपिंग के लिए तैयार हैं। जबकि हमारे पास केवल 40 स्क्रैपिंग यूनिट्स हैं। मेरा अनुमान है कि हम एक जिले में चार स्क्रैपिंग यूनिट खोल सकते हैं। और बहुत आराम से हम ऐसी 2,000 यूनिट्स खोल सकते हैं।"
गडकरी ने आगे कहा, "मेरा सुझाव है कि आप कुछ ऐसी यूनिट्स स्थापित कर सकते हैं जो आपको रीसाइक्लिंग के लिए कच्चा माल देगी जिससे आपकी घटक लागत 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। सरकार ऐसी सुविधाओं को प्रोत्साहित कर रही है, और यह जरूरी है कि हमें आपकी तरफ से सहयोग मिलेगा।"