केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के अनुसार, पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री को हतोत्साहित करने और प्रदूषण को कम करने के लिए वैकल्पिक ईंधन (Alternative Fuels) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ये बातें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 62वें वार्षिक सम्मेलन में कही।
गडकरी ने कारों के लिए वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि कच्चे तेल के आयात में कमी और साथ ही प्रदूषण में कटौती के लिए इन वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में 35 फीसदी प्रदूषण डीजल और पेट्रोल के कारण होता है, इसलिए हमें आयात मुक्त, लागत प्रभावी, प्रदूषण रहित और स्वदेशी उत्पादों की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने सियाम से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए रणनीतियों पर रिसर्च करने का अनुरोध किया। मंत्री ने कहा कि यह इलेक्ट्रिक वाहन (EV) व्यवसाय को बढ़ाने और बसों के साथ-साथ दो-तीन और चार पहिया वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने का समय है।
गडकरी ने कहा कि वह भारत को वैकल्पिक ईंधन वाहनों का शीर्ष निर्माता बनाना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक इलेक्ट्रिक हाईवे शुरू करने का सपना देखा था। इसके अतिरिक्त गडकरी ने 27 ग्रीन एक्सप्रेसवे के निर्माण की सिफारिश की।
सिर्फ 12 घंटे में दिल्ली टू मुंबई
गडकरी ने कहा कि दिल्ली से मुंबई की वर्तमान 52 घंटे की यात्रा में सिर्फ 12 घंटे लगेंगे। मंत्री के अनुसार दिसंबर तक यह 20 से 22 घंटे का होगा। वह लॉजिस्टिक खर्चों में 10% की कटौती करने का इरादा रखता है। गडकरी ने वाहन परिमार्जन नीति को लागू करने के लिए मजबूत सहयोग की सिफारिश की।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 70 प्रतिशत पूरा हो गया है। परिवहन मंत्री ने कहा कि एक बार यह पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से मुंबई तक 12 घंटे में पहुंचा जा सकता है।
इस दौरान नितिन गडकरी ने आधिकारिक तौर पर ग्वालियर में कुल 222 किलोमीटर और 1,128 करोड़ रुपये की लागत वाली सात नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन और आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से ईंधन बचाने की आवाजाही में सुविधा होगी।