क्या सुलझ गए बुआ-भतीजे के रिश्ते? मायावती ने अपने बचाव में उतरे अखिलेश यादव का जताया आभार

Row over remarks on Mayawati: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक विधायक की आपत्तिजनक टिप्‍पणियों पर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक रूप से दिए गए इस वक्तव्य के लिए विधायक पर मानहानि का मुकदमा होना चाहिए

अपडेटेड Aug 25, 2024 पर 4:29 PM
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Row over remarks on Mayawati: BSP प्रमुख मायावती ने अब अखिलेश यादव के प्रति आभार जताया है (फाइल फोटो)

Row over remarks on Mayawati: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक विधायक के बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती के खिलाफ एक TV डिबेट के दौरान टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने BJP को घेरा है। इसके बाद BSP मुखिया मायावती ने अखिलेश यादव का आभार जताया है। अखिलेश यादव ने मायावती के खिलाफ बीजेपी विधायक की आपत्तिजनक टिप्‍पणियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि इस बयान के लिए विधायक पर मानहानि का मुकदमा होना चाहिए।

इस मामले को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव के प्रति आभार जताया है। वहीं, उन्होंने बीजेपी विधायक पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो इसमें भाजपा के षडयंत्र से इनकार नहीं किया जा सकता है।

बीजपी विधायक राजेश चौधरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर 'स्टेट गेस्ट हाउस कांड' के संदर्भ में पलटवार करते हुए कहा, "कौन-सी ऐसी गाली थी जो मायावती जी को आपके गुंडों द्वारा नहीं दी गई थी।" यादव ने शुक्रवार रात X पर एक समाचार चैनल पर डिबेट की 30 सेकंड की एक वीडियो क्लिप के साथ लिखा, "उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक द्वारा राज्य की एक पूर्व महिला मुख्यमंत्री जी (मायावती) के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपा नेताओं के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से संबंध रखने वालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।"


सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसी पोस्ट में लिखा, "राजनीतिक मतभेद अपनी जगह होते हैं, लेकिन एक महिला के रूप में उनका मान-सम्मान खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है।" उन्होंने कहा, "भाजपा नेता कह रहे हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर हमने गलती की थी, यह भी लोकतांत्रिक देश में जनमत का अपमान है और बिना किसी आधार के ये आरोप लगाना भी बेहद आपत्तिजनक है कि वह सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री थीं।"

सपा प्रमुख ने मांग की कि सार्वजनिक रूप से दिए गए इस वक्तव्य के लिए भाजपा के विधायक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा होना चाहिए। उन्होंने कहा, "भाजपा ऐसे विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। अगर ऐसे लोगों के खिलाफ भाजपा तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है तो मान लेना चाहिए कि ये किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि पूरी भाजपा का विचार है। घोर निंदनीय!"

बीजेपी विधायक ने क्या कहा?

अखिलेश यादव ने समाचार चैनल का जो वीडियो शेयर किया गया है उसमें मथुरा जिला स्थित मांट क्षेत्र के विधायक राजेश चौधरी को यह कहते सुना जा सकता है, "मायावती जी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है और पहली बार हमने (भाजपा) ही (उन्हें मुख्यमंत्री) बनाया था।'' डिबेट के दौरान बीच में कुछ बातें स्पष्ट नहीं हैं। इसके बाद चौधरी कह रहे हैं, "उत्तर प्रदेश में यदि कोई भ्रष्ट मुख्यमंत्री हुआ है तो उनका नाम है मायावती।"

मायावती ने जताया अखिलेश का आभार

BSP प्रमुख मायावती ने शनिवार 24 अगस्त को X पर एक पोस्ट में कहा, "सपा मुखिया ने मथुरा जिले के एक भाजपा विधायक को उनके गलत आरोपों का जवाब देकर बसपा प्रमुख के ईमानदार होने के बारे में सच्चाई को माना है, उसके लिए पार्टी आभारी है।"

मायावती ने अपने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, "पार्टी को भाजपा के इस विधायक के बारे में ऐसा लगता है कि उनकी अब भाजपा में कोई पूछ नहीं रही है। इसलिए वह बसपा प्रमुख के बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी करके सुर्खियों में आना चाहते हैं, जो अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।"

उन्होंने कहा, "जबकि भाजपा को चाहिए कि वह उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे। और यदि वह दिमागी तौर पर बीमार हैं तो उनका इलाज भी जरूर कराए, वरना इसके पीछे भाजपा का कोई षड्यंत्र ही नजर आता है, यह कहना भी गलत नहीं होगा।"

मायावती ने कहा, "यदि भाजपा अपने विधायक के विरुद्ध कोई भी सख़्त कार्रवाई नहीं करती है तो फिर इसका जवाब पार्टी के लोग अगले विधानसभा चुनाव में उनकी ज़मानत जब्त करा कर तथा वर्तमान में होने वाले 10 उपचुनावों में भी इस पार्टी को जरूर देंगे।"

बीजेपी का सपा पर पलटवार

वहीं, बीजेपी विधायक और यूपी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश चौधरी ने शनिवार को X पर एक पोस्ट में सपा प्रमुख पर पलटवार करते हुए सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के एक बयान 'लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है' के संदर्भ में कहा, "समाजवादी पार्टी को आपने (अखिलेश यादव) सीरियल बलात्कारी पार्टी बना दिया है..अयोध्या और कन्नौज में पिछड़ी और दलित नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार होता है, आप अल्पसंख्यक वोट के लिए हिन्दू दलित बेटी की इज़्जत दांव पर लगा देते हैं।"

चौधरी ने कहा, "औरंगजेब के अनुयायी अखिलेश यादव जी आप भ्रष्टाचार के तो सारे रिकॉर्ड तो तोड़ ही चुके हैं...।" उन्होंने कहा, "दो जून 1995 का गेस्ट हाउस कांड याद है ना...समाजवादी गुंडों ने मायावती जी की अस्मिता को तार-तार करने की कोशिश की ... कौन-सी ऐसी गाली थी जो मायावती जी को आपके गुंडों द्वारा नहीं दी गई थी?"

BJP विधायक ने दावा किया, "मायावती जी की जान और आबरू बचाने वाली भाजपा ही थी..नहीं तो सपा के गुंडे एक दलित महिला नेता की हत्या कर देते...पद के लिए अपने पिता का भरे मंच पर अपमान करने वाले संस्कार की बात करते हैं.. आप घोर जातिवादी और भ्रष्टाचारी हैं।"

क्या फिर साफ आएंगे अखिलेश-मायावती?

बता दें कि यूपी में सपा और बसपा एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी हैं। हालांकि 1993 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच विधानसभा चुनाव में समझौता हुआ था। तब यह पहल बसपा संस्थापक कांशीराम और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने की थी। जून 1995 में लखनऊ के सरकारी गेस्ट हाउस में सपा और बसपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों के बाद यह समझौता टूट गया था। तब बसपा ने मायावती पर सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा हमला किए जाने का आरोप लगाया था।

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फिर 2019 में लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच समझौता हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश की 80 सीट में 10 सीट पर बसपा और पांच सीट पर सपा को जीत मिली थी। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद ही 2019 में यह समझौता टूट गया था। तब से अक्सर दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं। मायावती के प्रति अखिलेश यादव की इस नरमी के राजनीतिक संदेश निकाले जा रहे हैं।

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