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'भारत बहुमत की इच्छा के अनुसार चलेगा' VHP के प्रोग्राम में ये क्या बोल गए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज

जस्टिस यादव ने किसी विशेष समुदाय का नाम लिए बिना कई पत्नियां रखने की प्रथा, हलाला और तीन तलाक पर सवाल उठाया और कहा कि यह "अस्वीकार्य" है। यह कहते हुए कि देश में जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा, जस्टिस यादव ने कहा कि जिस देश में एक संविधान और एक दंडात्मक कानून है, वहां एक एकीकृत नागरिक कानून होना चाहिए

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 09, 2024 पर 7:41 PM
'भारत बहुमत की इच्छा के अनुसार चलेगा' VHP के प्रोग्राम में ये क्या बोल गए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज
'भारत बहुमत की इच्छा के अनुसार चलेगा' VHP के प्रोग्राम में ये क्या बोल गए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने रविवार को कहा कि उन्हें यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि "देश बहुसंख्यक समूह की इच्छाओं के अनुसार ही चलेगा।" जस्टिस यादव ने प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कानूनी प्रकोष्ठ की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में 'समान नागरिक संहिता की संवैधानिक जरूरत' पर बोलते हुए ये विवादित टिप्पणी की।

लाइव लॉ ने जस्टिस यादव के हवाले से कहा, "मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह हिंदुस्तान है, यह देश हिंदुस्तान (भारत) में रहने वाले बहुसंख्यक की इच्छा के अनुसार काम करेगा। यह कानून है। आप यह नहीं कह सकते कि आप हाई कोर्ट के जज होने के नाते यह कह रहे हैं। कानून आखिरकार बहुमत के अनुसार काम करता है। इसे परिवार या समाज के संदर्भ में देखें...केवल वही स्वीकार किया जाएगा, जिससे बहुसंख्यकों के कल्याण और खुशी को लाभ होगा।"

UCC पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जज साहब

जस्टिस यादव UCC पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसके जरिए मानकीकृत व्यक्तिगत कानूनों का एक ढांचा तैयार करना है जो सभी नागरिकों पर लागू होगा, चाहे उनकी जाति, पंथ और धर्म कुछ भी हो। यह विवाह, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार पर लागू होगा।

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