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Arvind Kejriwal: हाई कोर्ट से झटके के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अरविंद केजरीवाल, क्या मिलेगी राहत?

Arvind Kejriwal Arrest: अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के साथ-साथ मामले में उन्हें ED की हिरासत में भेजने को भी चुनौती दी है। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार तथा मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। संबंधित नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था

अपडेटेड Apr 10, 2024 पर 2:08 PM
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Arvind Kejriwal arrested News: ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। वह इस समय तिहाड़ जेल में हैं

Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार (10 अप्रैल) को उत्पाद शुल्क नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका को हाई कोर्ट (Delhi High Court) द्वारा खारिज किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया। केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति अनियमितता मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत पाने में असफल होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। AAP ने साथ ही दावा किया, "तथाकथित आबकारी नीति घोटाला केजरीवाल और उनकी पार्टी को खत्म करने की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है।" ED ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया है।

हाई कोर्ट का फैसला आने के कुछ देर बाद ही आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट मामले में अरविंद केजरीवाल को वैसी ही राहत देगा, जैसी उसने पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को जमानत देकर दी थी। भारद्वाज ने कहा, "हम हाई कोर्ट का संस्था के तौर पर आदर करते हैं, लेकिन सम्मान के साथ कहना चाहते हैं कि हम उसके आदेश से सहमत नहीं हैं और उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।"


हाई कोर्ट से झटका

दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले केजरीवाल की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने 21 मार्च को ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट का फैसला लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की अनुपस्थिति में अपनी गतिविधियों को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रही AAP के लिए एक झटका साबित हो सकता है।

केजरीवाल ने 21 मार्च को अपनी गिरफ्तारी से लगभग एक पखवाड़े पहले दिल्ली में AAP का लोकसभा चुनाव अभियान "संसद में भी केजरीवाल, तो दिल्ली होगी और खुशहाल" के नारे से शुरू किया था। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के मद्देनजर कथित सहानुभूति लहर का चुनावी लाभ उठाने के लिए एक नया नारा 'जेल का जवाब, वोट से' दिया है।

AAP दिल्ली, पंजाब, गुजरात, असम और हरियाणा की कुल 22 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल को पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करना था। उनकी अनुपस्थिति में, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और दिल्ली की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज सहित पार्टी के अन्य नेताओं को कमान संभालनी होगी।

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AAP सूत्रों ने बताया कि संजय सिंह और भगवंत मान ने दिन में पंजाब के मंत्रियों और आप विधायकों के साथ बैठक की। केजरीवाल की अनुपस्थिति में उन पर पार्टी के चुनाव अभियान को चलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। AAP ने अभी तक पार्टी के चुनाव प्रचार में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की भूमिका को स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि, सुनीता केजरीवाल 31 मार्च को रामलीला मैदान में 'इंडिया' गठबंधन की रैली में शामिल हुई थीं।

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