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Central Vs Supreme Court: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से की खनिज रॉयल्टी और टैक्स पर फैसले की समीक्षा की मांग, बताई ये वजह

Central Vs Supreme Court: फैसले में कई स्पष्ट त्रुटियों की ओर इशारा करते हुए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की पीठ के फैसले की समीक्षा करना चाहती है। इसमें राज्यों को निकाले गए खनिजों पर रॉयल्टी वसूलने और खनिज युक्त जमीन पर टैक्स लगाने की अनुमति दी गई थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 12, 2024 पर 12:07 PM
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Central Vs Supreme Court Judgment: केंद्र सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की है, जिसमें राज्यों को निकाले गए खनिजों पर रॉयल्टी वसूलने और खनिज युक्त जमीन पर टैक्स लगाने की अनुमति दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के अनुसार, फैसले में कई स्पष्ट त्रुटियों की ओर इशारा करते हुए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की पीठ के फैसले की समीक्षा करना चाहती है। केंद्र ने निर्णय में "स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली कई त्रुटियों" की ओर इशारा करते हुए समीक्षा की मांग की है।

दिलचस्प बात यह है कि केंद्र ने 25 जुलाई के निर्णय की समीक्षा के लिए खुली अदालत में सुनवाई करने के लिए मध्य प्रदेश को सह-याचिकाकर्ता के रूप में शामिल किया है। केंद्र ने तर्क दिया है कि उसके द्वारा उठाया गया मुद्दा "देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंधित है तथा जनहित के बड़े मुद्दे को उठाता है। यदि समीक्षा याचिका की मौखिक सुनवाई के लिए आवेदन को अनुमति नहीं दी गई तो घोर अन्याय होगा"।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 जजों की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद भारी वित्तीय बोझ का सामना कर रहे केंद्र ने कहा कि आदेश में कई त्रुटियां हैं। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) और उद्योगों पर महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र और सह-याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश ने कहा कि समीक्षा याचिका में उठाया गया मुद्दा "देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंधित है।" साथ ही यह जनहित का बड़ा मुद्दा उठाता है। अगर समीक्षा याचिका की मौखिक सुनवाई की याचिका को स्वीकार नहीं किया गया तो यह "गंभीर अन्याय" होगा।

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