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सनातन धर्म को लेकर केरल में छिड़ी नई बहस के बारे में जानते हैं आप? कौन हैं संत नारायण गुरु जिन्हें लेकर लेफ्ट से भिड़े BJP-कांग्रेस

दरअसल विवाद की शुरुआत नारायण गुरु की शिक्षाओं से जुड़ी शिवगिरी कांफ्रेस के दौरान हुई। इस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा-नारायण गुरु सनातन धर्म के पैरोकार नहीं थे और न ही वह इस मानते थे। वह एक ऐसे संत थे जिन्होंने इस धर्म को नष्ट किया और एक ऐसे धर्म का सृजन किया जो आधुनिक समाज की जरूरतों के मुताबिक हो।

Arun Tiwariअपडेटेड Jan 08, 2025 पर 6:15 AM
सनातन धर्म को लेकर केरल में छिड़ी नई बहस के बारे में जानते हैं आप? कौन हैं संत नारायण गुरु जिन्हें लेकर लेफ्ट से भिड़े BJP-कांग्रेस
Kerala: सनातन धर्म को लेकर केरल में छिड़ी नई बहस के बारे में जानते हैं आप?

करीब डेढ़ साल पहले तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के एक बयान ने तहलका मचा दिया था। सनातन धर्म को लेकर दिए उनके आपत्तिजनक बयान ने पूरे देश की राजनीति में बवाल मचाया था। अब तमिलनाडु से सटे केरल में भी सनातन धर्म को लेकर एक ताजा विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद की जड़ में दिग्गज CPM नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का बयान है। विवाद केरल के एक संत नारायण गुरु से जुड़ा हुआ है। अब इसे लेकर केरल की सत्ताधारी लेफ्ट और विपक्षी कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने हैं।

किस बयान से शुरू हुआ विवाद

दरअसल विवाद की शुरुआत नारायण गुरु की शिक्षाओं से जुड़ी शिवगिरी कांफ्रेस के दौरान हुई। इस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा-नारायण गुरु सनातन धर्म के पैरोकार नहीं थे और न ही वह इस मानते थे। वह एक ऐसे संत थे जिन्होंने इस धर्म को नष्ट किया और एक ऐसे धर्म का सृजन किया जो आधुनिक समाज की जरूरतों के मुताबिक हो। ऐसे में सनातन धर्म किस स्वरूप में समझा जाना चाहिए? यह कुछ और नहीं बल्कि जाति आधारित धर्म है जिसे नारायण गुरु ने चुनौती दी और उससे पार पाए। उन्होंने एक ऐसे नए मानवतावादी धर्म की वकालत की जो वक्त के साथ चलता हो।

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