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दिल्ली में कुर्ता-पायजामा सिलाने वालों की लगी लंबी लाइन, टेलर्स रात-दिन काम पर जुटे, जानिए वजह

Kurta Pajama Demand Increase: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों विधानसभा चुनाव की गूंज सुनाई दे रही है। जगह-जगह राजनीतिक दल प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। इस बीच हर किसी को राजनीति का चस्का लगा हुआ है। दिल्ली में कुर्ता-पायजामा सिलवाने वालों की लाइन लग गई है। टेलर्स रात दिन में काम जुटे हुए हैं। कुछ टेलर्स के यहां एक हफ्ते की वेटिंग चल रही है

अपडेटेड Jan 26, 2025 पर 2:15 PM
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Kurta Pajama Demand Increase: दिल्ली में चुनाव के घोषणा के बाद से ही कुर्ता-पायजामा की डिमांड बढ़ गई है।

देश की राजधानी दिल्ली में चुनावों की चर्चा है। हर गुली नुक्कड़ पर नेताओं की सभाएं हो रही हैंष जहां देखो वहीं सफेदपोश नजर आ रहे हैं। इसबीच राजधानी दिल्ली में कुर्ता-पायजामा सिलाने वालों की लंबी लाइन लगी हुई है। आलम यह है कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार से लेकर उनके परिचित, रिश्तेदारों तक पर नेतागिरी का सुरूर छाया हुआ है। इसकी वजह से बाजारों में कुर्ता पायजामा सिलवाने की डिमांड बढ़ गई है। दावा है कि जो कुर्ता-पायजामा तीन से चार दिन में सिल कर देते थे। अब उसकी वेटिंग एक हफ्ते हो गई है। उधर, प्रचार सामग्री ने भी रफ्तार पकड़ी है।

कह सकते हैं कि मार्केट में कुर्तों का क्रेज अचानक बढ़ गया है। कुर्ता-पायजामा कारोबारियों के चेहरे चमक देखने को मिल रही है। राजधानी में कुर्ता-पायजामा की बिक्री में बंपर उछाल देखने को मिला है। सबसे ज्यादा डिमांड जवाहर कोट की है। नेता, मंत्री और कार्यकर्ताओं को यह डिजाइन काफी पसंद आती है। यह हमेशा से ही ट्रेंडिंग रही है।

टेलर्स रात-दिन काम पर जुटे


दिल्ली में कुर्ता-पायजामा की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई कि कुछ कारीगर रात –दिन काम में डटे हुए हैं। नेताओं और मंत्रियों को एक-एक हफ्ते की वेटिंग मिल रही है। इसकी वजह ये है कि कुर्ता-पायजमा की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है। लोकल 18 से बातचीत करते हुए एक दुकान के मालिक नईम राजा ने बताया कि पहले पांच कारीगर मिलकर एक कुर्ता-पायजामा तैयार करते थे, लेकिन अब मांग ज्यादा होने की वजह से एक कारीगर दो-दो कुर्ता-पायजामा बना रहे हैं। काम 24 घंटे चल रहा है। उहोंने बताया कि करीब 30 फीसदी मार्केट में उछाल आया है। उनके पास 80 फीसदी तक काम बढ़ गया है। भगवा कुर्ता-पायजामा की भी डिमांड काफी बढ़ी है।

कुर्ता-पायजामा की सिलाई 2000 रुपये

जवाहर डिजाइनर जैकेट की कीमत 5000 रुपये है, जबकि कुर्ता-पायजामा सिलवाने की कीमत 2000 रुपये के करीब है। उन्होंने यह भी बताया कि शादी के सीजन में जितनी डिमांड दुल्हन के लहंगे और दूल्हे की शेरवानी की नहीं होती, उतनी तो चुनावी माहौल में कुर्ता-पायजामा की बढ़ गई है।

कैप, मफलर से लेकर झंडे का कारोबार तेज

ठंड में चुनाव की घोषणा ने प्रचार के ट्रेंड को बदल दिया है। ऐसे में ठंड से बचाने वाली चीजों की डिमांड बढ़ गई है। अलग-अलग रंग के स्वेट शर्ट, मफलर, टोपी की डिमांड कार्यकर्ता कर रहे हैं। सदर बाजार के प्रचार मार्केट में पोस्टर, बैनर, फ्लैग, बिल्ले, टोपी और अन्य कस्टमाइज्ड सामग्री की बिक्री उछाल आया है।

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