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Love Jihad: असम में 'लव जिहाद' के मामलों में होगी उम्रकैद की सजा, BJP सरकार लाएगी कानून

Love Jihad Cases: मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह भी कहा कि जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी जिसके तहत केवल असम में जन्में लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व वादे के अनुसार प्रदान की गयी '1 लाख सरकारी नौकरियों' में स्वदेशी लोगों को प्राथमिकता मिली है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट होगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 04, 2024 पर 8:51 PM
Love Jihad: असम में 'लव जिहाद' के मामलों में होगी उम्रकैद की सजा, BJP सरकार लाएगी कानून
Love Jihad Cases: 'लव जिहाद' से जुड़े मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी

Love Jihad Cases: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार (4 अगस्त) को कहा कि उनकी सरकार जल्द ही 'लव जिहाद' के मामलों में आजीवन कारावास की सजा के लिए नया कानून लाएगी। पीटीआई के अनुसार, गुवाहाटी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए शर्मा ने 'लव जिहाद' के मामलों में उम्रकैद को अनिवार्य करने वाले कानून की योजना का खुलासा किया। राज्य बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में सीएम शर्मा ने कहा, "हमने चुनाव के दौरान 'लव जिहाद' के बारे में बात की थी। हम जल्द ही एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी।"

शर्मा ने यह भी कहा कि जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी जिसके तहत केवल असम में जन्में लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व वादे के अनुसार प्रदान की गयी '1 लाख सरकारी नौकरियों' में स्वदेशी लोगों को प्राथमिकता मिली है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट होगी।

पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री को लेकर भी फैसला किया है। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के लेनदेन को रोक नहीं सकती है, लेकिन आगे बढ़ने से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

शर्मा ने जोर देकर कहा कि ये कानून राज्य की बदलती जनसांख्यिकी को देखते हुए तैयार किए गए हैं, जिसे उन्होंने "बड़ी चिंता" और "जीवन और मृत्यु का मामला" बताया। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, नई पॉलिसी का उद्देश्य राज्य के रोजगार के लिए स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता देना है, जो जनसंख्या वृद्धि के प्रबंधन और असम के स्वदेशी समुदायों के हितों की रक्षा पर सरकार के फोकस को दर्शाता है।

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