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केजरीवाल के राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है सिसोदिया की गिरफ्तारी, क्या इससे निपटने में सफल होंगे मुख्यमंत्री?

एक दशक से कम समय में AAP राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता हासिल करने में कामयाब रही है। इससे आप का हौसला बहुत बढ़ा है। इस साल कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले चुनावों में पार्टी ताल ठोंकने का प्लान बना रही थी। लेकिन, सिसोदिया की गिरफ्तारी से उसे बड़ा झटका लगा है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Feb 28, 2023 पर 1:25 PM
केजरीवाल के राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है सिसोदिया की गिरफ्तारी, क्या इससे निपटने में सफल होंगे मुख्यमंत्री?
26 फरवरी को CBI ने दिल्ली के डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसौदिया को गिरफ्तार कर लिया। उन पर सरकार की पूर्व एक्साइज पॉलिसी में शामिल होने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी को केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री (CM) अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) की राजनीति का आधार दो बातों को बनाया था। पहला, भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान। दूसरा, केजरीवाल का दिल्ली का गवर्नेंस मॉडल। यानी शासन का तरीका। इसके लिए दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की कोशिश की गई। 26 फरवरी को CBI ने दिल्ली के डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। उन पर सरकार की पूर्व एक्साइज पॉलिसी में शामिल होने का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी को केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसलिए कि यह ऐसे वक्त हुई है जब आप कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में जोर आजमाने की तैयारी कर रही थी। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य शामिल हैं। एक दशक से कम समय में राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता हासिल कर लेने के बाद आप का हौसला बुलंद है।

सिसोदिया की गिरफ्तारी से BJP को फायदा होगा। बीजेपी ऐसी जगह आप पर हमला करेगी, जहां उसे सबसे ज्यादा दर्द होगा। बीजेपी का मकसद भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी की आप की छवि में सेंध लगाना है। इससे केजरीवाल का गवर्नेंस मॉडल भी सवालों के दायरे में आएगा। इसलिए सिसोदिया की गिरफ्तारी आप के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

दिल्ली सरकार का चेहरा

केजरीवाल के संघर्ष के दिनों से ही सिसोदिया उनके सबसे बड़े सहयोगी रहे हैं। केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में कोई पोर्टफोलियो कभी अपने पास नहीं रखा। पार्टी की रणनीति, अभियान और ऐसे दूसरे मसलों पर उन्होंने फोकस करने का फैसला किया, जबकि सिसोदिया को सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी गई। उनके पास 33 में से 18 विभाग हैं। इनमें फाइनेंस, एजुकेशन, विजिलेंस, एक्साइज और PWD जैसे अहम विभाग शामिल हैं।

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