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Uttar Pradesh में इतिहास बनाने के करीब BJP, दोबारा सीएम बनेंगे योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजादी के बाद से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले चुनाव में जीतकर मुख्यमंत्री नहीं बन पाया है

अपडेटेड Mar 10, 2022 पर 12:27 PM
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उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए एक पार्टी या गठबंधन को 202 सीटों की जरूरत है, जबकि भाजपा 250 से ज्यादा सीटों पर जीतती दिख रही है

Uttar Pradesh Assembly Election : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से आगे निकलते हुए 403 सदस्यों वाली असेंबली में 250 सीटों से ज्यादा पर जीत दर्ज करती दिख रही है।

चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिले आधिकारिक रुझानों के मुताबिक, भाजपा 215 सीटों पर बढ़त के साथ उत्तर प्रदेश में बहुमत की ओर बढ़ रही है। सरकार बनाने के लिए एक पार्टी या गठबंधन को 202 सीटों की जरूरत है।

योगी बनाएंगे लगातार दोबारा सीएम बनने का रिकॉर्ड


अगर योगी मुख्यमंत्री बनते हैं तो उनके नाम एक नया रिकॉर्ड बन जाएगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजादी के बाद से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। अगर फिर से योगी के नेतृत्व में सरकार बनती है तो वह एक नया रिकॉर्ड बनाएंगे।

नोएडा जाकर भी बच जाएगी योगी की कुल्सी

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बात की अक्सर चर्चा होती है कि जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी अगले चुनाव में चली जाती है। नोएडा से जुड़े इस अंधविश्वास का खौफ नेताओं में इतना अधिक रहा है कि अखिलेश यादव बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए एक बार भी नोएडा नहीं आए। उनसे पहले मुलायम सिंह यादव, एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने भी नोएडा से दूरी बनाए रखी।

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वर्ष 2007 से 2012 के बीच मायावती ने इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की और दो बार नोएडा गईं। लेकिन 2012 में उनकी सरकार गिर जाने के बाद नोएडा का ये मिथक फिर सुर्खियों में आ गया। दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकाल के दौरान कई बार नोएडा गए। ऐसे में अब ये मिथक भी टूटता दिख रहा है।

अखिलेश यादव करहल से आगे

शुरुआती रुझानों के मुताबिक, मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा से सपा मुखिया अखिलेश सिंह यादव (Akhilesh Yadav) बढ़त बनाए हुए हैं। उनके पीछे भाजपा दूसरे और बसपा तीसरे नंबर पर हैं। इसके अलावा, सपा मुखिया अखिलेश यादव के मामले में खास बात यह है कि करहल विधानसभा के कुल वोटों में से उन्हें अभी तक 90 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल को 6 फीसदी और बसपा के कुलदीप नारायण को 1 फीसदी वोट मिले हैं।

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