लेख: बृजेश शुक्ल

लेख: बृजेश शुक्ल
Ram Mandir Inauguration: दुनिया में एक नया इतिहास और रिकॉर्ड बनने जा रहा है। अब से पहले किसी आयोजन के लिए इतनी बड़ी संख्या में लोगों को निमंत्रित नहीं किया गया, जितना राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Mandir) में राम लला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। निमंत्रण के लिए गांव-गांव यात्राएं निकाली जा रही हैं। देश भर में संघ और VHP के लाखों कार्यकर्ता भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण बांटने में लगे हुए हैं। संघ परिवार का पूरा अमला मैदान में है और निमत्रण बांटने का कार्यक्रम नए साल से शुरू हो कर 15 जनवरी तक चलेगा।
कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को पीले चावल और राम लला की फोटो, स्टीकर और राम जन्मभूमि का इतिहास देकर कह रहे हैं- 'राम लला ने आपको बुलाया है'। कोशिश इस बात की हो रही है कि देशभर में हिंदू परिवारों में ऐसा कोई न बचे, जिसे आमंत्रित ने किया गया हो। संघ के नेता स्वीकार करते हैं कि ये चुनौती बहुत बड़ी है, लेकिन इसे पूरा किया जाएगा ।
इसके लिए पूरे देश को क्षेत्रों में बांट कर, वहां चावल और दूसरी सामग्री भेजी गई है। संघ परिवार के कार्यकर्ता इन चावलों में फूलों की पंखुड़ियां मिलाकर हर घर जाकर परिवार के उपस्थित सदस्य को दे रहे हैं। इन टोलियों के कार्यकर्ता शंख घंटा घड़ियाल घंटी बजाते हुए चलते हैं और इन्हें देखने के लिए मोहल्ले के लोग घर के बाहर आ जाते हैं।
वास्तव में संघ पूरे देश में एक जन जागरण अभियान चला रहा है, जिससे लोगों को पता चले की कितने संकल्प और संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है। यही नहीं उन तमाम बातों को बताया जा रहा है, जो राम मंदिर से जुड़ी रही है।
न ऐसा अभियान देखा न सुना
साफ है कि किसी आयोजन को लेकर और इतनी बड़ी संख्या में निमंत्रण पहुंचाने के लिए इतना बड़ा अभियान न कभी देखा गया और न ही कभी सुना गया।
अभी यह कहना मुश्किल है की संघ परिवार के कार्यकर्ता कितने लोगों को राम मंदिर के लिए आमंत्रित कर पाएंगे, लेकिन अगर इसी तरह अभियान चलता रहा, तो यह संख्या करोड़ों में होगी।
BJP या RSS के इस तरह के आयोजन से विपक्ष चौकन्ना है और इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देख रहा है। विपक्ष को लगता है कि भारतीय जनता पार्टी, राम मंदिर को एक बड़े मुद्दे में तब्दील कर रही है और कहीं तक कर भी चुकी है।
वास्तव में पहले विपक्षी दलों को लगता था की ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विपक्षी नेताओं को दूर रखेगी, क्योंकि इस ट्रस्ट के मूल में RSS है। लेकिन संघ परिवार ने प्रमुख दलों के नेताओं को भी निमंत्रण भेज दिया।
अब विपक्ष के सामने सबसे बड़ा धर्म संकट यह है कि वह निमंत्रण को स्वीकार करें या अस्वीकार। अगर वह स्वीकार करते हैं, तो यही संदेश जाएगा की वह उसी BJP के रास्ते में चल पड़े हैं, जिस पर वह बीजेपी को कटघरे में खड़ा करते थे। अगर नहीं जाते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाएगी और हिंदुओं में इसका गलत संदेश भी जाएगा।
2 करोड़ लोगों को अगले 3 महीने में अयोध्या के दर्शन
इसके साथ ही कोशिश ये भी हो रही है कि भारतीय जनता पार्टी लगभग 2 करोड़ लोगों को अगले 3 महीने में अयोध्या ले जाकर दर्शन कराएगी।
इसके लिए बसों को बुक किया गया है, ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। व्यवस्था के लिए टीम बनाई गई हैं। आने जाने वाले लोगों के लिए भोजन व रुकने के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है।
संघ परिवार का मानना है कि जिन लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है, उनमें से ज्यादातर लोग आने वाले दिनों में अयोध्या जरूर आएंगे। जिनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अयोध्या आ सकें, उन्हें भी अयोध्या लाने के लिए संघ अलग से व्यवस्था कर रहा है।
केवल बिहार से ही लगभग 50 लाख लोगों को अयोध्या लाने का कार्यक्रम है। RSS का ये कार्यक्रम अगर सफल होता है, तो इसका चुनाव पर भी असर पड़ेगा।
बीजेपी पूरे देश में एक ऐसा माहौल पैदा कर देना चाहती है, जो राममय भी हो और संघ का समर्थन भी करें। लोगों को यह बताया जा रहा है कि अगर दिल्ली में नरेंद्र मोदी सरकार नहीं आती, तो आज राम मंदिर का निर्माण भी न होता।
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